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80 प्रतिशत महिलाएं नहीं जानतीं क्या है माहवारी- रजनीश आनंद

औरत जात के शरीर से खून जाता है, सो मेरे शरीर से भी जाता है. ई काहे होता है. ऊ हम नहीं जानते. यह कहना है लगभग 35 वर्षीय सुशीला देवी का. सुशीला चाईबासा जिले के बंदगांव प्रखंड, मेरोमगुटू पंचायत के कटवा गांव की रहने वाली हैं. माहवारी को लेकर इस पंचायत में किस कदर ज्ञान का अभाव है, इस बात का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि सौ महिलाओं...

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बंध्याकरण के बाद भी गर्भवती, जांच में हुई पुष्टि

भागलपुर: एक वर्ष पूर्व गोराडीह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तरछा के अरविंद कुमार मंडल की पत्नी खुशबू देवी ने बंध्याकरण कराया था पर वह दो माह एक सप्ताह की गर्भवती है. मंगलवार को जेएलएनएमसीएच के रेडियोलॉजी विभाग में अल्ट्रासाउंड जांच के दौरान गर्भवती होने की पुष्टि हुई है. वहीं महिला का कहना है कि हमारे पास पहले से चार बच्चे हैं. बंध्याकरण कराने से फिर क्या लाभ हुआ. महिला ने बताया...

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कठिन चुनौतियां और नीति आयोग- वाई के अलघ

अरविंद पनगढ़िया को उपाध्यक्ष मनोनीत किए जाने के साथ ही नीति आयोग (नेशनल इंस्टीट्यूशन फॉर ट्रांसफॉर्मिग इंडिया) को लेकर जारी कई अटकलों को विराम मिल गया है, लेकिन इस आयोग को लेकर कई उत्सुकताएं अब भी लोगों के दिमाग में बनी हुई हैं। दरअसल, केंद्र में आई नई सरकार ने 24 अगस्त को 20 विशेषज्ञों को बुलाकर उनसे यह सवाल पूछा था कि मौजूदा योजना आयोग...

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समाज के हर स्तर पर महिला सुरक्षा जरूरी- रंजना कुमारी

जब तक देश का नेतृत्व महिलाओं के लिए कोई बड़ा कदम नहीं उठायेगा, तब तक माहौल नहीं बदलेगा. मसलन, संसद में महिला आरक्षण बिल पास हो जाये. सरकार और संसद में महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी, तो उन्हें लेकर समाज का नजरिया भी बदलेगा. साल 2015 की शुरुआत में ही महिला सुरक्षा के लिए लॉन्च किये जा रहे एप्प अपने आप में एक शुभ लक्षण है. कई राज्य सरकारों ने इस तरह...

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समाज और कानून की नजर में समर्पण की कीमत बस इतनी-सी?

जो महिलाएं दफ्तरों में काम करती हैं या बिजनेस संभालती हैं, उनकी सेवाओं की कीमत कमाई के आंकड़े से आंकी जा सकती है, लेकिन एक गृहिणी की सेवाओं और परिवार के प्रति समर्पण भाव की कीमत कैसे आंकी जाए? ऐसे ही एक मामले में चेन्नई के दुर्घटना दावा प्राधिकरण की संकीर्ण सोच सामने आई है। मामला है 31 वर्षीय सेल्‍वी का, जो कपड़े बेचकर पांच हजार रुपए प्रतिमाह कमाती थीं। एक...

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