नई दिल्ली, अंशुमान तिवारी; वित्तीय दुनिया चाहे जितनी पेंचदार हो, मगर यह हमेशा से एक अलिखित और व्यावहारिक भरोसे पर ही चलती है। रुपये अदा करने का वचन देने वाली कागजी मुद्रा (प्रॉमिसरी नोट) से लेकर अरबों डॉलर के बाडों और शेयरों तक फैला यही भरोसा अब दरकने लगा है। बात लीमन ब्रदर्स या बेरिंग्स नाम के बैंक अथवा एनरॉन या सत्यम जैसी कंपनी से भरोसा उठने की है ही...
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उनकी साख डूबी और इनकी संभावनाएं
नई दिल्ली [अंशुमान तिवारी]। दुनिया की आर्थिक तस्वीर बिगड़ते ही रोजगारों का पूरा परिदृश्य तब्दील होने लगा है। वर्ष 2011 की शुरुआत में रोजगारों का बाजार मंदी से उबरने की उम्मीदें और सूचना तकनीक, रिटेल के अलावा इंजीनियरिंग व शोध विकास जैसे क्षेत्रों में नए अवसरों की संभावना से सराबोर था। वहीं, आज सन्नाटा और आशका मुश्किलें आ जमी हैं। नौकरियों के लिए मुश्किलें तितरफा हैं। घाटे से परेशान सरकारें...
More »महंगाई पर सरकार का वही पुराना राग
नई दिल्ली।। लोकसभा पर महंगाई के चर्चा के दौरान विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने कहा कि डिमांड और सप्लाई में अंतर के कारण महंगाई बढ़ी है। उन्होंने कहा कि नरेगा जैसी योजनाओं से लोगों की क्रय क्षमता बढ़ गई है। वित्त मंत्री के जवाब से विपक्ष संतुष्ट नजर नहीं आया। महंगई पर चर्चा की शुरुआत करने वाले बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा ने कहा कि...
More »प्याज और अंडे सस्ते, खाद्य महंगाई दर गिरी
प्याज, दूध, अंडे, मांस और दाल जैसी आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में गिरावट के कारण 16 जुलाई को समाप्त हुए सप्ताह में खाद्यान्न मुद्रास्फीति दर घटकर 7.33 फीसदी हो गई। पिछले दो साल में यह खाद्यान्न मुद्रास्फीति की न्यूनतम दर है। खाद्यान्न मुद्रास्फीति दर में लगातार दूसरे सप्ताह आई इस गिरावट से उपभोक्ताओं और इसे नीचे लाने के लिए पिछले डेढ़ साल से भी अधिक समय से कोशिश कर रहे...
More »चावल निर्यात को हरी झंडी
नई दिल्ली। सरकार ने चावल के निर्यात पर से प्रतिबंध हटा लिया है। सोमवार को खाद्यान्न पर मंत्रियों के अधिकार प्राप्त समूह [ईजीओएम] ने 10 लाख टन चावल के निर्यात को अनुमति दे दी। सूत्रों के मुताबिक गेहूं के निर्यात को भी सैद्धांतिक मंजूरी दे दी गई है। हालांकि इसकी मात्रा को लेकर ईजीओएम की अगली बैठक में फैसला होगा। खाद्य वस्तुओं की बढ़ती महंगाई के चलते सरकार ने वर्ष...
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