SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 608

ये स्लम बता देते हैं विकास का जमीनी सच, रिपोर्ट में खुलासा- रोहित की रिपोर्ट

पटना। भले ही राजधानी कंक्रीट के जंगलों में तब्दील होती जा रही हो, लेकिन एक सच्चाई यह भी है कि इसकी बड़ी जनसंख्या स्लम में रहने को विवश है। इन स्लमों का हाल बहुत बुरा है। यह हाल तब है जब राजधानी में सबसे अधिक वोट स्लम क्षेत्र में मिलते हैं। एक अध्ययन के मुताबिक राजधानी के स्लम क्षेत्रों में रहने वाले 90 प्रतिशत वयस्कों के पास मतदाता पहचान पत्र है...

More »

तीन दिन में 600 ग्रामीणों ने बना डाली 20 किमी सड़क

गोइलकेरा (जमशेदपुर). नक्सलवाद प्रभावित झारखंड के 10 गांवों ने सरकार के आगे हाथ फैलाने बंद कर दिए हैं। इन गांवों के 600 लोगों ने प्रशासनिक मुख्यालय गोइलकेरा तक पहुंचने के लिए बदहाल 20 किलोमीटर सड़क अपने ही दम पर बना ली है। महज तीन दिनों में। नक्सलवादियों के आतंक और सरकारी मशीनरी की उपेक्षा के बीच यह आत्मनिर्भरता का अनूठा उदाहरण है। यह प्रयास गोइलकेरा के सबसे पिछड़े व सुदूरवर्ती पंचायत गमहरिया में...

More »

रेलवे ने अब तक अधिग्रहित भूमि के मालिकों को क्यों नहीं दी नौकरी

पटना। भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद राजीव प्रताप रूडी ने गुरुवार को रेल मंत्री मुकुल राय से नई दिल्ली के रेल भवन में मुलाकात की। रूडी ने रेल मंत्री को एक ज्ञापन सौंपा जिसमें सारण जिला स्थित रेल चक्का कारखाना के लिए अधिग्रहित की गई जमीन के मालिकों को अब तक सरकारी नौकरी नहीं मिलने की बात कही गई है। रूडी ने कहा कि सारण जिले के दरियापुर प्रखंड के लगभग...

More »

'ईको टॉयलेट तकनीक डीआरडीओ से बेहतर

ट्रेनों में डीआरडीओ द्वारा तैयार बायो टॉयलेट्स लगाने की योजना के बीच पुणे के एक प्रोफेसर ने दावा किया है कि उनके द्वारा तैयार ग्रीन टॉयलेट्स का प्रोजेक्ट ज्यादा बेहतर और कारगर है और इससे पैसों की कमी से जूझ रहे रेलवे को काफी फायदा होगा। सिन्हागढ़ डेंटल कॉलेज में माइक्रोबायोलॉजी विभाग के प्रमुख राजीव सक्सेना के मुताबिक नई तकनीक के ये टॉयलेट्स उन्होंने और उनके छात्रों की टीम ने तैयार...

More »

सड़कों पर पलते कल के सपने : हर्ष मंदर

बीसवीं सदी के शुरुआती दशकों में भारत पर राज कर रही औपनिवेशिक ब्रिटिश सरकार ने सबसे पहले यह स्वीकारा था कि अनाथ और निराश्रित बच्चों व किशोरों की देखभाल करना सरकार की कानूनी जिम्मेदारी है। लेकिन भारत को लोकतांत्रिक स्वाधीनता मिलने के छह दशक बीतने के बावजूद इस तरह के बच्चों और किशोरों के हित में अधिक से अधिक यही किया जा सका है कि उन्हें कारागृह जैसी राज्यशासी संस्थाओं में भेज...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close