देश की अर्थवस्था को गति देने में छोटे और मंझोले उद्यमियों की बड़ी भूमिका है. रोजगार, आर्थिक उत्पादन और घरेलू जरूरत की चीजों को तैयार करने के अलावा भारत की कई लोकप्रिय वस्तुओं के निर्यात के आधार को भी ये मजबूत करते हैं. विदेशी मुद्रा प्राप्त करने में भी ये बड़े माध्यम हैं. इसलिए सरकार इन्हें हर स्तर पर सुविधा, सहायता, संरक्षण, प्रोत्साहन और मार्गदर्शन उपलब्ध कराती है. इसे लेकर कई...
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विषमता का विकास और राजनीति- सुरेश पंडित
जनसत्ता 26 दिसंबर, 2013 : जैसे-जैसे सोलहवीं लोकसभा के चुनाव नजदीक आ रहे हैं, राजनीतिक दलों की सक्रियता बढ़ रही है। कांग्रेस और भाजपा अपने अधिकतम भौतिक और मानवीय संसाधन झोंक कर इस चुनाव को किसी भी तरह जीत लेने के लिए कटिबद्ध दिखाई दे रही हैं। मतदाताओं को रिझाने के लिए उनके पास विकास के अलावा और कोई खास मुद्दा नहीं है और चूंकि इसे पहले भी कई बार आजमाया...
More »जमीन अधिग्रहण के बाद 40 से अधिक रैयत बन गये करोड़पति
रांची: झारखंड की राजधानी रांची में बिरसा मुंडा एयरपोर्ट की विस्तारीकरण योजना में जमीन अधिग्रहण के कारण 40 से अधिक रैयत करोड़पति बन गये हैं. मुआवजे की राशि मिलने के बाद इन रैयतों की जीवन शैली बदल गयी है. सरकार की ओर से अब तक 125 रैयतों को मुआवजे का भुगतान किया गया है. इनमें से कई लोगों के मकान के आगे महिंद्रा का एक्सयूवी-500 और इनोवा जैसी महंगी गाड़ियां दिखने लगी हैं....
More »लक्ष्य से ज्यादा रहेगी चावल की सरकारी खरीद- आर एस राणा
उम्मीद से ज्यादा : 313.34 के लक्ष्य के मुकाबले 370 लाख टन खरीद संभव चालू खरीफ विपणन सीजन 2013-14 में चावल की सरकारी खरीद खाद्य मंत्रालय के लक्ष्य से 18% ज्यादा होने का अनुमान है। मंत्रालय ने एमएसपी पर 313.34 लाख टन चावल की खरीद का लक्ष्य तय किया है जबकि वास्तव में यह आंकड़ा 370 लाख टन तक जा सकता है। खाद्य...
More »एसएचजी की महिलाओं को चार प्रतिशत पर कर्ज
पटना: एसएचजी यानी स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करने के लिए उन्हें चार प्रतिशत की ब्याज दर पर कर्ज मिलेगा. वर्तमान में सात प्रतिशत पर कर्ज मिलता है. अतिरिक्त तीन प्रतिशत राशि राज्य सरकार अपने खजाने से बैंकों को सूद के रूप में देगी. लोक सेवा का अधिकार कानून, 2011 में संशोधन करते हुए कुछेक सेवाओं में तत्काल सेवा तो कुछ की समय सीमा...
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