उद्योगपतियों से लेकर प्रधानमंत्री तक एक ना एक रुप में वन और पर्यावरण मंत्रालय की आलोचना करते हैं कि वह ग्रीन-क्लीयरेंस के नाम पर औद्योगिक विकास और बुनियादी ढांचे के निर्माण के काम को रोक देता है। लेकिन बीते पाँच सालों में इस मंत्रालय ने जो निर्णय लिए हैं , उसके अध्ययन के आधार पर पर्यावरण के मुद्दे पर काम करने वाली एक संस्था के निष्कर्ष कुछ और ही इशारा करते हैं। संस्था की रिपोर्ट(देखें...
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छोटे किसानों में बढ़ाया जाएगा मशीनों का चलन
नई दिल्ली [सुरेंद्र प्रसाद सिंह]। दूसरी हरित क्रांति को सफल बनाने के लिए फसलों की उत्पादकता बढ़ाना और उत्पाद को खेत से खलिहान तक सुरक्षित पहुंचाना जरूरी हो गया है। इस सिलसिले में सरकार खेती में मशीनों के उपयोग को बढ़ावा देने पर विचार कर रही है। इसके लिए एक मिशन शुरू करने की तैयारी है। इसमें छोटी जोत वाले किसानों को स्वयं सहायता समूहों के जरिये खेती में मशीनों का...
More »नर्मदा पर रार- शिरीष खरे(तहलका हिन्दी)
नरेंद्र मोदी और शिवराज सिंह चौहान अपने-अपने राज्यों के सूखे इलाकों में नर्मदा का पानी पहुंचाना चाहते हैं. क्या उनकी यह महत्वाकांक्षी कावेरी जल विवाद जैसी अंतहीन समस्या खड़ी करने वाली है? शिरीष खरे की रिपोर्ट. भले ही गुजरात और मध्य प्रदेश में एक ही पार्टी भारतीय जनता पार्टी की सरकार हो लेकिन नर्मदा को लेकर दोनों राज्य द्वंद्व और टकराव के मुहाने पर खड़े हैं. पानी के बंटवारे को लेकर गुजरात...
More »तैयार हुई 39 भ्रष्ट अफसरों की सूची, मंत्री तक पहुंचते-पहुंचते हो गई 18
नागपुर. नेताओं की सेवा में लगे भ्रष्ट अफसरों की पहुंच इतनी ज्यादा है कि एसीबी से निकली सूची भी मंत्री तक पहुंचते-पहुंचते छोटी हो जाती है। एसीबी नागपुर ने 39 भ्रष्ट अफसरों की सूची तैयार की थी, जो मंत्री तक पहुंचते-पहुंचते 18 हो गई। एसीबी कार्यालय व मंत्री तक का फासला महज 1 किमी का था...
More »सरकारी फाइलों में दब कर दम तोड़ता " पेयजल योजना "
नाहन नाहन शहर के लिए बनने वाली तीसरी पेयजल योजना का कार्य एक साल बाद भी शुरू नहीं हो पाया है। योजना के लिए बजट भी है, मगर यह मामला फॉरेस्ट क्लीयरेंस में फंस गया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल एवं सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य मंत्री रविंद्र रवि ने इस योजना का शिलान्यास बीते साल 14 अक्टूबर को किया था। शिलान्यास को एक साल से अधिक समय बीत चुका है, मगर...
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