119 साल पुराने भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन पर संसद ने इस हफ्ते मुहर लगा दी है। उद्योग जगत प्रस्तावित कानून को औद्योगिकीकरण के लिए नुकसानदेह बता रहा है, तो दूसरी तरफ ऐसा तबका भी है, जो मानता है कि यह बदलाव किसानों के हितों के लिहाज से पर्याप्त नहीं है। इस विधेयक को पारित कराने के सूत्रधार केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश से विजय गुप्ता ने बातचीत की- आकस्मिक...
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समृद्ध खेती की आपराधिक खाद!
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बागपत, सहारनपुर और मुजफ्फरनगर इलाकों की एक जमीनी तहकीकात के दौरान तहलका की टीम क्षेत्र के कुल सात गांवों में घूमी. इस दौरान हमने कई बच्चों को देखा जो खेतों या घरों में काम कर रहे थे, स्थानीय नहीं थे और जिनसे बात करना बेहद चुनौती भरा था. हम बागपत के इब्राहिमपुर माजरा गांव के प्रधान शाकिंदर सिंह के घर पर हैं. कोठीनुमा घर में दाखिल होते...
More »यौन हिंसा की जड़ें- रुचिरा गुप्ता
जनसत्ता 4 सितंबर, 2013 : कुछ दिन पहले जब मैंने मुंबई में एक तेईस वर्षीय फोटो पत्रकार के साथ बलात्कार की घटना के बारे में पढ़ा, तो कुछ पुरानी घटनाएं सामने घूमने लगीं। यानी फिर से वही सब! करीब उनतीस साल की उम्र में छह दिसंबर, 1992 को जब मैं एक रिपोर्टर की हैसियत से उत्तर प्रदेश में बाबरी मस्जिद विध्वंस की घटना की खबर जुटा रही थी तो मुझ...
More »लोहा नहीं अनाज चाहिए- विनोद कुमार
जनसत्ता 20 अगस्त, 2013 : झारखंड बनने के बाद प्रभु वर्ग ने इस बात को काफी जोर-शोर से प्रचारित-प्रसारित किया है कि झारखंड का विकास और झारखंडी जनता का कल्याण उद्योगों से ही हो सकता है और खनिज संपदा से भरपूर झारखंड में इसकी अपार संभावनाएं हैं। यह प्रचार कुछ इस अंदाज में किया जाता है मानो झारखंड में पहली बार औद्योगीकरण होने जा रहा है। हकीकत यह है कि...
More »आइएएस अधिकारी तक को हटवा देता है ताकतवर गिरोह
देवघर: उत्तर प्रदेश की आइएएस अधिकारी दुर्गा नागपाल ने जब खनन माफिया के खिलाफ कार्रवाई की, तो सत्ता तक पहुंच रखनेवाले माफिया ने किसी और बहाने से उन्हें निलंबित करवा दिया. झारखंड भी इससे अछूता नहीं है. झारखंड के राजमहल में किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) में जब बिचौलियों, अधिकारियों और बैंकों की मिलीभगत से हो रहे घोटाले पर एसडीएम (तत्कालीन) राजीव रंजन (आइएएस) ने कार्रवाई की, बिचौलिये को पकड़ा, प्राथमिकी दर्ज करायी तो...
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