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'बाल-मजदूरी के खात्मे तक करूंगा संघर्ष'- कैलाश सत्यार्थी

नई दिल्‍ली। शुक्रवार दोपहर करीब दो बजे 'बचपन बचाओ आंदोलन' के संस्‍थापक कैलाश सत्‍यार्थी को वर्ष 2014 का शांति के लिए नोबेल पुरस्‍कार मिलने की उनके स्‍टाफ ने जानकारी दी, तो पहले उन्‍हें विश्‍वास ही नहीं हुआ। फिर अचानक उनके मुंह से निकला, ‘नोबेल पुरस्‍कार'। ये वो पल थे, जब उनकी अांखें पहली बार नम देखी गईं। इससे पहले उनके स्‍टाफ या परिवार के लोगों ने उन्‍हें इतना भावुक नहीं...

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...तो नामी प्राइवेट स्कूलों में पढेंगे गरीबों के बच्चे- शैलेन्द्र श्रीवास्तव

गरीबों के बच्चों का नामी-गिरामी प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने का सपना अब साकार हो सकेगा। राज्य सरकार प्राइवेट स्कूल की 25 फीसदी सीटों पर ऐसे बच्चों को दाखिला देने के लिए पूर्व में तय मानकों में बदलाव की तैयारी कर रही है। अगले सत्र के लिए दाखिले से पहले संशोधित आदेश जारी कर दिया जाएगा। प्रारंभिक रूप से निजी स्कूलों में दाखिले के लिए सरकारी स्कूलों से प्रमाण पत्र लेने की...

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सुविधाओं से लैस होगी सांसद आदर्श ग्राम योजना- अंजनी कुमार सिंह

नयी दिल्ली : लोकनायक जयप्रकाश नारायण के जन्म दिवस 11 अक्तूबर को पीएम मोदी सांसद आदर्श ग्राम योजना (एसएजीवाइ) की शुरुआत करने जा रहे हैं. योजना के तहत लोकसभा व राज्यसभा के सांसदों को एक गांव गोद लेनी होगा. उस गांव का विकास करना होगा. सांसद अपने पति या पत्नी के गांव को गोद नहीं ले सकते हैं. मोदी ने अपने लाल किला के भाषण में ही इसकी घोषणा की...

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सामाजिक न्याय का तंग दायरा- जितेंद्र कुमार

जनसत्ता 29 सितंबर, 2014: अगस्त 1990 में मंडल आयोग की सिफारिशें लागू करके तब के प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह ने जिस सामाजिक न्याय का ताना-बाना बुना था, उसके बिखरने में बस चंद वर्ष लगे थे। सबसे पहले उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह जनता दल को तोड़ कर अलग हो गए और मंडल के सबसे अधिक प्रभाव वाले क्षेत्र बिहार में उसके दो प्रतापी नेताओं लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार...

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क्या गरीबी कभी खत्म हो सकती है?- लार्ड मेघनाद देसाई

लॉर्ड मेघनाद देसाई भारतीय मूल के ब्रिटिश अर्थशास्त्री और लेबर पार्टी से जुड़े राजनीतिज्ञ हैं. वह अर्थशास्त्र के विश्वविख्यात संस्थान, लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में प्रोफेसर रह चुके हैं. उन्होंने कई किताबें लिखी हैं. उनके 200 से ज्यादा लेख अकादमिक जर्नलों में प्रकाशित हो चुके हैं. वह कई भारतीय व ब्रिटिश अखबारों के लिए नियमित स्तंभ लिखते हैं. 5 सितंबर 2014 को उन्होंने पटना स्थित एशियन डेवलपमेंट रिसर्च इंस्टीट्यूट (आद्री) में...

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