रह्मपुत्र और सुबनसिरी जैसी विशाल नदियों के बीच बसा असम का लखीमपुर जिला पहली नजर में खुशहाल इलाका दिखता है. ढलानों पर पसरे चाय-बागान, दूर तक फैले धान के खेत और पानी से लबालब सैकड़ों तालाब. लेकिन सतह को थोड़ा ही कुरेदने पर इस खुशनुमा तस्वीर के पीछे की भयावह सच्चाई दिखती है. पता चलता है कि बागानों में चाय की पत्तियां तोड़ते मजदूरों और पानी में डूबे खेतों में...
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मनरेगा में मोबाइल फोन भी मिलेगा
नयी दिल्ली : अब मनरेगा में 100 दिन के काम के अलावा मोबाइल भी मिलेगा. अब वोटरों को लुभाने के लिए यूपीए सरकार यह नई स्कीम का सहारा ले रही है. मोबाइल प्रत्येक ग्रामीण परिवार के उस सदस्य को मिलेगा जिसने मनरेगा में 100 दिन का काम किया है. अधिकारियों के मुताबिक भारत मोबाइल स्कीम के तहत प्रति परिवार एक मोबाइल फोन उपलब्ध कराया जा सकता है,इसमें महिलाओं को तरजीह...
More »गरीबी रेखा या भुखमरी की रेखा- अनिन्दो बनर्जी
देश में गरीबी रेखा के नीचे जीवन बसर करनेवालों के बारे में योजना आयोग द्वारा जारी आंकड़ों की कोई और उपयोगिता हो न हो, यह बदहाली के स्वीकार्य मापदंड नहीं हो सकते. जिस देश में करीब 46 फीसदी बच्चे कुपोषण से प्रभावित हों, जहां करीब 40 प्रतिशत परिवार पूर्णत: भूमिहीन या एक एकड़ से कम जमीन के मालिक हों, जहां 90 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या का गुजारा असंगठित क्षेत्र में...
More »गांव के हुनर को ऊंची उड़ान
सिरचन के नखरे भी गांव के लोग खुशी-खुशी उठाते थे. उसकी झोपड़ी के आगे ब.डे-ब.डे लोगों की सवारी बंधी रहती थी. लोग उसकी खुशामद करते थे. उसकी इज्जत करते थे. वह न तो साधु था, न साहूकार. न ऊंचे पद पर था, न ऊंजी जाति का. उसकी जाति तो कारीगर की थी. ऐसा कारीगर, जो कुशल था, जिसके हाथ में हुनर था. फणीश्वरनाथ रेणु की कहानी ‘ठेस’ का यह सेंट्रल...
More »पंचायतों निकायों को मिली पशुपालन व मत्स्य विभाग की जिम्मेवारी
निधि (पैसों) पर सिर्फ जिला परिषद का अधिकार कार्य व कर्मी की जिम्मेवारी तीनों स्तरों पर बांटी गयी झारखंड सरकार ने पशुपालन एवं मत्स्य विभाग के अंतर्गत पशुपालन, गव्य विकास व मत्स्य विभाग से संबंधित अधिकार पंचायत निकायों को सौंपे हैं. इससे पूर्व समाज कल्याण, महिला एवं बाल विकास विभाग, कृषि एवं गन्ना विभाग, शिक्षा विभाग सहित कुछ अन्य विभागों के अधिकार पंचायत निकायों को स्थानांतरित किये गये हैं. एक जून 2013...
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