-आजाद भारत की प्रथम बहु-उद्देशीय नदी परियोजना दामोदर घाटी निगम पर संकट के बादल- बाढ़ जैसी भीषण प्राकृतिक आपदा को नियंत्रित करते हुए जीवन को रोशन करने के मकसद से 66 साल पहले 7 जुलाई, 1948 को अस्तित्व में आयी आजाद भारत की प्रथम बहु-उद्देशीय नदी परियोजना दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) की जीवन रेखा आज जीवन दान के लिए तरस रही है. 27 मार्च, 1948 को डीवीसी का गठन भारत के संसद...
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कठिन चुनौती होगी गंगा का उद्धार - अभिषेक कुमार सिंह
प्रधानमंत्री बनते ही नरेंद्र मोदी ने अपने वादे के अनुरूप जो शुरुआती काम किए हैं, उनमें से एक उल्लेखनीय काम उमा भारती को जल संसाधन और खासकर गंगा के पुनरुद्धार की जिम्मेदारी सौंपना रहा है। उमा इस चुनौती के लिए सर्वाधिक उपयुक्त कही जा सकती हैं, क्योंकि एक वही हैं, जिन्होंने यूपीए के शासनकाल में सोनिया गांधी से मिलकर गंगा को बचाने की पहल करने की अपील की थी। पर क्या गंगा...
More »संताल में अब गांव-गांव तक गंगाजल
देवघर: संताल परगना के छह जिलों के अलावा गिरिडीह व कोडरमा के गांव-गांव तक गंगा का पानी आयेगा. इस क्षेत्र से पेयजल की समस्या तो दूर होगी ही, किसानों को सिंचाई की सुविधा भी मिलेगी. सोमवार को दिल्ली में केंद्र व झारखंड के जल संसाधन विभाग तथा पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की बैठक में 14 हजार करोड़ की इस योजना का अनुमोदन किया गया. यह जानकारी गोड्डा सांसद निशिकांत दूबे...
More »साक्षात्कार:पर्यावरण को लेकर सरकार व समाज हो जागरूक
जंगल, जमीन हवा आदि प्रदूषित होते जा रहे हैं. धरती से लेकर आकाश तक कचरों को ढेर लगता जा रहा है. इसे लेकर दुनिया भर में चिंता व्यक्त की जा रही है. यह परिस्थिति कितनी गंभीर है और इससे कैसे निबटा जा सकता है, इन विषयों पर अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पर्यावरणविद डॉ अरविंद कुमार से संदीप कुमार ने बातचीत की. डॉ कुमार मगध विश्वविद्यालय, बोध गया व विनोवा भावे विश्वविद्यालय...
More »निर्मल गंगा की सार्थक धारा- जैको वल्विस
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की सबसे पवित्र नदी को साफ करने का वादा किया है। वाराणसी से चुनाव लडम्कर एक तरह से उन्होंने इस असंभव से लगने वाले मुद्दे पर अपने राजनीतिक भविष्य को दांव पर लगा दिया। गंगा की जो हालत है, वह भारत के अंतर्विरोधों का सबसे अच्छा उदाहरण है। एक तरफ तो देश की इस सबसे पावन नदी की लोग पूजा करते हैं, इसके जल को सबसे पवित्र...
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