उत्तर प्रदेश के गन्ना किसान राज्य में गन्ने के राज्य समर्थित मूल्य (एसएपी) के खिलाफ आंदोलन चलाने की तैयारी कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि पेराई सत्र 2009-10 के लिए वे इतनी 'कम कीमत' पर मिलों को गन्ने की आपूर्ति नहीं करेंगे। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेता महेंद्र सिंह टिकैत और राष्ट्रीय किसान मजूदर संगठन (आरकेएमएस) के नेता वी एम सिंह की अगुआई में बरेली शहर में आज...
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गेहूं के समर्थन मूल्य की राह में महंगाई का रोड़ा
नई दिल्ली [सुरेंद्र प्रसाद सिंह]। पहले मानसून ने मारा, अब न्यूनतम समर्थन मूल्य [एमएसपी] के जरिए सरकार किसानों को मार रही है। धान पर मिले कम बोनस के बाद गेहूं पर भी बहुत ज्यादा एमएसपी की उम्मीद नहीं है। सरकार जल्दी ही इसके समर्थन मूल्य की घोषणा कर सकती है। पिछले रबी सीजन में गेहूं का एमएसपी 1080 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया था। आमतौर पर बुवाई शुरू होने...
More »शुल्क मुक्त हो सकता है चावल आयात, वैश्विक बाजार में बढ़ेंगी कीमतें
नई दिल्ली : वित्त मंत्रालय ने चावल की सभी किस्मों पर आयात शुल्क शून्य करने की अधिसूचना जारी कर दी है। इन किस्मों पर अब तक 70-80 फीसदी तक शुल्क लगता रहा है। मंत्रालय के इस कदम से संकेत मिल रहा है कि भारत इस साल अपनी आधिकारिक चावल व्यापार नीति के तहत बगैर किसी शुल्क के आयात करने की तैयारी कर रहा है। हालांकि इस अधिसूचना को तभी लागू...
More »उत्तर प्रदेश में हो सकती है चीनी की किल्लत
गन्ने को लेकर गतिरोध कायम रहने से उत्तर प्रदेश में चीनी की भारी कमी पड़ने की आशंका जताई जा रही है, जिससे इसकी खुदरा कीमतों पर दबाव बढ़ सकता है। चीनी की मौजूदा खुदरा दर 35 रुपये प्रति किलोग्राम है, जो पिछले वर्ष की समान अवधि की दरों की तुलना में लगभग दोगुनी है। मुश्किल यह है कि कम उत्पादन की स्थिति में चीनी की महंगाई और बढ़ेगी। इस आशंका की...
More »अभी और बढ़ेगी महंगाई
साल २००५ से २००७ के बीच दुनिया में गेंहूं, चावल और तेलहन के दामों में दोगुनी बढ़ोतरी हुई है और इन चीजों के दामों में साल २००८ की पहली छमाही में भी बढ़ोतरी जारी रही।ओईसीडी(आर्गनाइजेशन फॉर इकॉनॉमिक को-ऑपरेशन एंड डेवलपमेंट) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अगामी दस सालों में चावल-गेहूं सहित बाकी अनाज और तेलहन में पिछले दशक के मुकाबले १० से ३५ फीसदी की बढ़ोतरी होगी।...
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