हर वर्ष बरसात के खत्म होते ही डेंगू का प्रकोप शुरू हो जाता है। हर वर्ष इस मौसम में दिल्ली, मुंबई जैसे महानगरों में लोगों के डेंगू से पीड़ित होने की खबरें मिलती हैं। हर वर्ष हमारी सरकारें वही रवैया अपनाती हैं, जो दशकों से जारी है। अस्पतालों की लापरवाही को लेकर चिंता व्यक्त की जाती है। फिर मौसम बदल जाता है, डेंगू के मरीज कम हो जाते हैं, और...
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ऐसे लौटा सकते हैं हिमालय का वैभव- डा अनिल जोशी
भारत दुनिया के गिने-चुने देशों में से एक है, जिसे प्राकृतिक संसाधनों का असली वरदान प्राप्त है। हिमालय से लेकर समुद्र तक और मरुस्थल से लेकर दलदली क्षेत्र तक यह देश विशिष्ट परिस्थितियों का धनी है। इन सभी में हिमालय को सबसे ऊंचा स्थान मात्र इसकी ऊंचाई के लिए नहीं बल्कि इसकी राष्ट्रसेवा के लिए प्राप्त है। हिमालय देश के नौ राज्यों और कुल भूमि के 17 प्रतिशत क्षेत्र में...
More »पावर सेक्टर की हालत खराब, 24 घंटे बिजली देने में ये हैं अड़चनें
नई दिल्ली। पावर सेक्टर की हालत दिनोंदिन खराब होती जा रही है, जबकि सरकार का वादा है कि वर्ष 2022 तक सभी को 24 घंटे बिजली दी जाएगी। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद कमान संभाली है और बिजली कंपनियों और राज्य सरकारों से बातचीत शुरू की है। लेकिन अब तक की सरकार की कवायद को देखते हुए विशेषज्ञों का मानना है कि कई ऐसी अड़चनें हैं, जिसका समाधान...
More »स्मार्ट सिटी की तर्ज पर अब स्मार्ट विलेज
ईश्वरसिंह परमार, शाजापुर(मध्यप्रदेश)। चमचमाती चौड़ी सड़कें, साफ-सुथरी गलियां, पानी और बिजली जैसी सुविधाओं से लैस। ये है स्मार्ट सिटी। यदि यह सब गांव में ही मिल जाए तो यकीकन यह स्मार्ट विलेज ही कहलाएगा। पीएम नरेंद्र मोदी के सपने को गांव तक लाने के लिए शाजापुर जिला प्रशासन ने स्थानीय स्तर पर ही जिले के सबसे बड़े गांव बेरछा को स्मार्ट विलेज बनाने का फैसला लिया है। इसके तहत सड़क,...
More »कृष्णा का गोदावरी से आज होगा मिलन- मिथिलेश झा
नदियों के तट पर सभ्यताएं तो विकसित होती ही हैं, किसी भी देश की अर्थव्यवस्था वहां की नदी और उसमें उपलब्ध के उचित प्रबंधन पर ही निर्भर होती है. खासकर भारत जैसे देश में जब मॉनसून दगा दे जाये, तो नदियों और नहरों का पानी ही किसानों का सहारा होता है. प्रकृति ने भारत को विशाल नदियों की नेमत बख्शी है. इसमें बड़ी से छोटी नदियां तक शामिल हैं. कई...
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