मणिपुर में उग्रवाद और उग्रवाद के विरोध में जारी हिसंक गतिविधियों के चलते बीते कई दशकों से बच्चे हिंसा की कीमत चुके रहे हैं. यह सीधे तौर से गोलियों और अप्रत्यक्ष तौर से गरीबी, अशिक्षा, कुपोषण की तरफ धकेले जा रहे हैं. राज्य में स्थितियां तनावपूर्ण होते हुए भी कई बार नियंत्रण में तो बन जाती हैं, मगर स्कूल और स्वास्थ्य सेवाओं जैसे बुनियादी ढ़ांचे कुछ इस तरह से चरमराए हैं...
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12 जिले सूखाग्रस्त घोषित
रांची। सूबे में वर्षा और बुआई की स्थिति के आकलन के बाद शासन ने बारह जिलों को सूखाग्रस्त घोषित कर दिया है। मंगलवार को राज्य परामर्शी परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया। सूखग्रस्त जिलों में व्यापक स्तर पर राहत कार्य चलाने के निर्देश दिये गये हैं। राहत कार्यो पर होने वाला खर्च का वहन आपदा कोष करेगा। इस मद में 390 करोड़ रुपये उपलब्ध हैं। इसके अलावा होने वाले खर्च...
More »शिशु श्रमिकों के लिए बनेगा स्वल्पकालीन केंद्र
भुवनेश्वर। शिशु श्रमिकों के बारे में कोई जानकारी न होने को ले इनके लिए स्वल्पकालीन केन्द्र बनाया जाएगा। विद्यालय में न जाकर विभिन्न क्षेत्र में श्रमिक के तौर पर कार्य कर रहे शिशुओं के उद्धार किए जाने पर भी उनके रखरखाव हेतु कोई निर्धारित कार्यक्रम हाथ में लेना अभी तक सम्भव नहीं हो पाया है। उद्धार किए जा रहे शिशुओं के सही रखरखाव के लिए कोई योजना न होने से...
More »कृषि से उद्योग का रुख करे कार्यशील आबादी
मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक [आरबीआई] का मानना है कि अगले एक दशक के दौरान कार्यशील युवा आबादी बढ़ने से भारत को काफी फायदा होगा, पर इसके लिए जरूरी है कि कृषि क्षेत्र से श्रमिक उद्योग और सेवा क्षेत्र की ओर आएं। आरबीआई के डिप्टी गवर्नर सुबीर गोकर्ण ने शुक्रवार को कहा कि निरंतर ऊंची वृद्धि हासिल करने के लिए यह जरूरी है कि काम करने वाली आबादी कृषि क्षेत्र...
More »चंद रुपयों में बिक रहे सपने
पानीपत. पेट की भूख और पैसे की ललक मासूमों का बचपन निगल रही है। जिले में बाल श्रमिक और ड्राप्ट आउट की संख्या तेजी से बढ़ रही है, लेकिन जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग बेफिक्र हैं। सरकार ऐसे बच्चों को राइट टू एजूकेशन के तहत शिक्षित करने का बल दे रही है, लेकिन सरकार की यह कोशिश भी बाबूओं की कलम के नीचे दब गई है। सरकार की योजना की पहुंच...
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