देश की दोनों बड़ी राजनीतिक पार्टियों, भाजपा और कांग्रेस, का मानना है कि आम आदमी के जीवन को बेहतर करने और गरीबी उन्मूलन का एक ही मंत्र है, वह है-ऊंची विकास दर। लेकिन इस समय आर्थिक विकास दर दशक के सबसे कमजोर दौर से गुजर रही है। मौजूदा वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के लिए विगत शुक्रवार को आए केद्रीय सांख्यिकी संगठन (सीएसओ) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, लगातार सातवीं...
More »SEARCH RESULT
चीन के बाजारों में भारत की ब्लैक टी की धूम
बीजिंग : भारत का कट्टर दुश्मन माना जानेवाला चीन यहां की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने के लिए सस्ता सामान बना कर बाजार को लगातार कमजोर करता आ रहा है. भारत ने भी अब नहले पे दहला मारने जैसा चीन के बाजार में भारतीय वस्तुओं की पैठ बनाना शुरू कर दिया है. पहले भारत के उद्यमियों ने चीन में कारखाना खोल कर वहां की श्रमशक्ति का इस्तेमाल कर भारत को सस्ता माल देने का...
More »जनकल्याण में कटौती का अर्थ- धर्मेन्द्रपाल सिंह
जनसत्ता 01 मार्च, 2014 : आम चुनाव सिर पर हों तो इसे अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारना ही कहा जाएगा। वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने अंतरिम बजट में जन-कल्याणकारी योजनाओं में 31,812 करोड़ रुपए की कटौती कर यूपीए सरकार के विरोधियों को हमला करने के लिए अतिरिक्त गोला-बारूद मुहैया करा दिया है। कटौती चालू वित्तवर्ष में की गई है जिसका असर ग्रामीण सड़क, सिंचाई, राष्ट्रीय कृषि विकास, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, मिड-डे...
More »70 प्रतिशत पैकेज्ड वाटर सुरक्षित नहीं
कोलकाता: भारत में 70 प्रतिशत पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर सुरक्षित नहीं हैं. पानी की बोतलों पर ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (बीआइएस) द्वारा सर्वे जारी किया गया है. बीआइएस के महानिदेशक सुनील सोनी ने बताया कि बोतलों की पैकेजिंग एंड लेबलिंग में धांधली का मामला सामने आया है, इसलिए ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड ने इस पर रिसर्च और सर्वे शुरू किया, ताकि यह पता चल सके कि मिनरल वाटर में होनेवाले जरूरी तत्व पानी...
More »सुननी होगी दलितों की आवाज- पत्रलेखा चटर्जी
रामविलास पासवान और उदित राज आजकल सुर्खियों में हैं। वजह यह है कि पासवान ने जहां भारतीय जनता पार्टी के साथ गठजोड़ कर लिया है, वहीं उदित राज ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली है। आम चुनाव से ठीक पहले ऐसी घटनाएं लाजिमी हैं। तो आखिर क्या वजह है कि दूसरों के बजाय पासवान और उदित राज ज्यादा चर्चा का विषय बने हुए हैं। दरअसल राजनेताओं की सोच यह है...
More »