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..तो परमाणु समझौते किसे फायदा होगा?

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के भारत दौरे के दौरान दोनों देशों के बीच परमाणु समझौते की घोषणा हुई। इसे भारत की ऊर्जा संबंधी जरूरतों के नजरिए से बेहद खास माना जा रहा है। हालांकि एक बड़ा सवाल ये जरूर उठ रहा है कि इस समझौते से किसको ज्यादा फायदा होगा? भारत को या फिर अमे‌रिका को। कहा ये भी जा रहा है कि इससे अमे‌रिकी कंपनियों को तत्काल फायदा होगा। इस...

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और बढ़ेगी अमीरी-गरीबी की खाई, 2016 तक एक प्रतिशत लोगों के पास होगी 50% दौलत

गैर सरकारी संस्‍था ऑक्‍सफैम के सर्वे में एक चौंकाने वाला तथ्‍य सामने आया है. सर्वे में कहा गया है कि 2016 में दुनिया की आधी दौलत यहां के केवल एक प्रतिशत लोगों के पास होगी. सर्वे में कहा गया है कि इन एक प्रतिशत लोगों की संपत्ति में इस एक साल में दोगुणी बढ़ोतरी हो जायेगी. ऑक्सफैम के अनुसार जहां 2009 में इन लोगों की सम्पत्ति में 44 फ़ीसदी की...

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नहीं डेवलप किया इंडस्ट्रियल प्‍लॉट तो वापस होगी जमीन, महाराष्‍ट्र ने की शुरुआत

नई दि‍ल्ली। जमीन की किल्लत के कारण औद्योगिक निवेश में पिछड़ रही राज्‍य सरकारों ने सख्‍त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। महाराष्‍ट्र सरकार ने इंडस्ट्रियल प्‍लॉट पर इकाई स्‍थापित करने में देरी करने वाले उद्योगों को नोटिस भेजकर जमीन वापस करने का आदेश दिया है। इसके अलावा मध्‍य प्रदेश और छत्‍तीसगढ़ ने भी इंस्ट्रियल पार्क में 4 साल के भीतर उद्योग स्‍थापित करना अनिवार्य कर दिया है। इसके अलावा...

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बीमा विदेशीकरण की बेचैनी क्यों- अरविन्द मोहन

संसद का सत्र खत्म होते ही कई मामलों में अध्यादेश लाना केंद्र सरकार की बेचैनी को तो बताता ही है, हम सबसे इस बात की मांग भी करता है कि हम जानें कि हमारी सरकार किन सवालों पर इतना बेचैन होकर काम कर रही है। हमने देखा है कि देश भर में धर्म के नाम पर संघ परिवार से जुड़े लोगों और संगठनों ने जिस तरह से हंगामा मचाना शुरूकिया...

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कंपनी बड़ी या देश-- अरविन्द कुमार सेन

नोबेल पुरस्कार विजेता पॉल क्रुगमैन ने दो दशक पहले शोध पत्रिका हॉवर्ड बिजनेस रिव्यू में ‘देश एक कंपनी नहीं है' शीर्षक से शोध-पत्र लिखा था। यह शोध-पत्र उस दौर में प्रकाशित हुआ था, जब भुगतान संतुलन की बीमारी से दो-चार हो रही भारत जैसी विकासशील अर्थव्यवस्थाओं पर विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक संगठन की अगुआई में नवउदारवादी नीतियां थोपी जा रही थीं। हर तरफ आर्थिक सुधारों की मार्फत अर्थव्यवस्था को...

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