भोपाल. जनवरी में शीत लहर और पाले से प्रदेश में 7,672 करोड़ रुपए की फसल नष्ट हुई है। फसल के नुकसान का आकलन के लिए राज्य सरकार द्वारा कराए गए सर्वे में यह बात सामने आई। सर्वे के मुताबिक 37 लाख किसानों की फसल बर्बाद हुई है। पाले के बाद राज्य सरकार ने प्रारंभिक सर्वे के आधार पर केंद्र से 2442 करोड़ रुपए के विशेष पैकेज की मांग की थी। इस...
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केंद्र सरकार से नहीं मिल रहा पर्याप्त खाद
रायपुर। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के केबिनेट बैठक में आज प्रदेश में खाद और बीज की कमी पर चर्चा हुई। मानसून सीजन आने के साथ डीएपी खाद की भारी कमी हो गई है। राज्य ने जितनी मात्रा में खाद मांगा था, उसका केवल आधा आबंटित किया गया है। इसमें भी कटौती की जा रही है। आबंटन का केवल 30 प्रतिशत खाद प्रदेश को दिया जा रहा है। कैबिनेट बैठक के बाद कृषि मंत्री...
More »अब नकली बीज ने रुलाया : विनोद भावुक
मंडी। नेशनल सीड्स कॉपरेरेशन से खरीद कर प्रदेश के कृषि विभाग की ओर से प्रदेश के सब्जी उत्पादकों को उपलब्ध करवाए गए खीरे के घटिया बीज से मंडी जिला के सब्जी उत्पादकों को लाखों की चपत लगी है। सबसिडी पर उपलब्ध करवाए गए खीरे के बीज ने उस वक्त किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया, जब फसल लेने का वक्त आया। इस बीज से पैदा होने वाले खीरे एक तो आकार...
More »अकाल, भुखमरी इस देश में कई समुदायों की जीवनसाथी है- विनायक सेन से आशीष कुमार अंशु की बातचीत
विनायक सेन को लेकर मीडिया और समाज में दो तरह की छवि है। एक विनायक सेन, जिन्हें हमेशा देश के दुश्मन के तौर पर पेश किया जाता है, दूसरे विनायक सेन वे जो आदिवासियों के शुभचिंतक हैं और गरीब समाज के मसीहा हैं। दोनों विचार अतिवादी हैं। इस तरह एक आम भारतीय असमंजस की स्थिति में है कि वह इन दोनों में से किसे सच माने और किसे झूठ! यदि हम मीडिया की नजर...
More »मेहनतकश की मजदूरी का सवाल : हर्ष मंदर
‘खेतों और फैक्टरियों में काम करने वाले हर मजदूर और कामगार को कम से कम इतना अधिकार तो है ही कि वह इतनी मजदूरी पाए कि अपना जीवन सुख-सुविधा से बिता सके..।’ वर्ष 1929 के लाहौर अधिवेशन में अध्यक्षीय भाषण दे रहे जवाहरलाल नेहरू ने यह बात कही थी। इसके नौ दशक बाद स्वतंत्र भारत की केंद्र सरकार ने कहा कि लोककार्य के लिए कानून द्वारा स्थापित न्यूनतम मजदूरी का भुगतान...
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