रायपुर(निप्र)। छत्तीसगढ़ में मध्यप्रदेश के गेहूं से रोटी बनेगी। एक-दो दिन में अशोकनगर से गेहूं की रैक यहां आने वाली है। तब, लगभग दो माह बाद प्रदेश की राशन दुकानों में गेहूं पहुंच पाएगा। खाद्य सुरक्षा नीति 2013 के अंतर्गत यूपीएस सरकार ने अपने कार्यकाल में छत्तीसगढ़ का गेहूं आवंटन बंद कर दिया। केंद्र से मई और जून का गेहूं प्रदेश को नहीं मिला। इसी कारण दो माह से राशन...
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80 हजार क्विंटल खाद्यान्न गटक गए अपात्र लोग
रायपुर(निप्र)। जिले में अब तक लगभग एक-चौथाई राशन कार्डों का सत्यापन हुआ है। खाद्य विभाग ने अपात्रों के 23 हजार से ज्यादा कार्डों को निरस्त भी कर दिया है, लेकिन यही अपात्र कार्डधारक पिछले नौ माह में सरकारी धन से खरीदे गए 80 हजार क्विंटल से अधिक खाद्यान्न गटक गए। प्रदेश के बाकी 26 जिलों का हिसाब लगाया जाए तो खाद्यान्न की मात्रा 15 लाख क्विंटल से अधिक होगी। जिला खाद्य...
More »मोटे अनाज की खेती से बहुरे किसानों के दिन
किसानों के लिए वह स्थिति और भी कष्टदायी होती है, जब मॉनसून फेल हो जाने या कम वर्षा होने के कारण वह सही तरीके से धान की फसल की बुआई नहीं कर पाते हैं. कृषि वैज्ञानिक किसानों को हमेशा यह सलाह देते हैं कि ऐसी स्थिति में उन्हें खेती के दूसरे विकल्प को अपनाने के लिए तैयार रहना चाहिए. खेती के लिए फसल के दूसरे विकल्पों में मक्का तथा मडुवा के...
More »जरूरी है छोटे किसानों के लिए वैकल्पिक खेती : डॉ हैदर
मडुवा की खेती कर खाद्य सुरक्षा के साथ पोषण सुरक्षा के लक्ष्य को भी हासिल किया जा सकता है. सीमांत किसानों के लिए यह आवश्यक है कि धान के अलावा वह वैकल्पिक खेती अवश्य करें. इसमें मडुवा, सरगुजा, कुरथी, गुंदली व दूसरे किस्म की फसल शामिल हैं, जो पानी की कम मात्र होने पर भी अच्छी उपज दे सकते हैं. वैकल्पिक खेती पर बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के जैवप्रोद्योगिकी विभाग के...
More »जरूरी है छोटे किसानों के लिए वैकल्पिक खेती : डॉ हैदर
मडुवा की खेती कर खाद्य सुरक्षा के साथ पोषण सुरक्षा के लक्ष्य को भी हासिल किया जा सकता है. सीमांत किसानों के लिए यह आवश्यक है कि धान के अलावा वह वैकल्पिक खेती अवश्य करें. इसमें मडुवा, सरगुजा, कुरथी, गुंदली व दूसरे किस्म की फसल शामिल हैं, जो पानी की कम मात्र होने पर भी अच्छी उपज दे सकते हैं. वैकल्पिक खेती पर बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के जैवप्रोद्योगिकी विभाग के...
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