मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में मंगलवार (छह जून) को पुलिस की गोली से पांच लोग मारे गए थे। मारे गए लोगों में कोई भी भूमि मालिक नहीं था। मरने वाले में एक 19 वर्षीय लड़का भी था जो 12वीं का छात्र था। मरने वाले में एक 23 वर्षीय युवक भी था जिसकी दो महीने पहले ही शादी हुई थी और वो सेना में भर्ती होना चाहता था। एक 30...
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अनदेखी से फूटा गुस्सा-- देविन्दर शर्मा
देश में जहां कहीं भी किसान अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं, उससे यह बात साफ हो जाती है कि आखिर कब तक किसान चुप रहेंगे और कब तक बर्दाश्त करते रहेंगे. यह एक बड़ी सच्चाई है कि पिछले 40-50 साल से किसानों के साथ अत्याचार यह हो रहा है कि एक डिजाइन के तहत उनको कमजोर करके रखा जा रहा है. बस, बीच-बीच में कभी-कभार उनकी मदद...
More »शिक्षा की परीक्षा-- जगमोहन सिंह राजपूत
देश की शिक्षा व्यवस्था की वर्तमान स्थिति चिंताजनक है और इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि सरकारी शैक्षणिक संस्थानों की साख लगातार गिरती जा रही है। जिस प्रकार की घटनाएं सामने आ रही हैं वे बेहद चौंकाने वाली हैं। बिहार में 12वीं की परीक्षा में करीब 65 फीसदी विद्यार्थी फेल हो गये। क्यों फेल हो गए, क्योंकि वहां योग्य शिक्षकों का घोर अकाल हो गया है। संविदा शिक्षकों की...
More »शिक्षा तंत्र की कमजोर कड़ियां- मनीषा सिंह
अलग-अलग राज्यों के शिक्षा बोर्डों के तहत आधे-अधूरे संसाधनों के बल पर दी जाने वाली शिक्षा और कराई जाने वाली परीक्षा कुछ वैसे ही दृश्य पेश करती है, जैसे फिलहाल बिहार विद्यालय परीक्षा बोर्ड (बीएसइबी) को लेकर सामने आए हैं। एक ओर तो इस परीक्षा में चौंसठ फीसद छात्र फेल हो गए- जिस पर परीक्षार्थियों ने काफी हंगामा खड़ा किया है। यही नहीं, आइआइटी की प्रवेश परीक्षा में उत्तीर्ण होने...
More »कमजोर जड़ों पर मजबूत नहीं होगी शिक्षा -- डा. रुक्मिणी बनर्जी
हर वर्ष असर की रिपोर्ट के माध्यम से हम देश में पहली से आठवीं कक्षा तक के बच्चों की बुनियादी दक्षताओं का आंकलन करते हैं. असर की रिपोर्ट को देखेंगे, तो उससे स्पष्ट है कि हमारी जड़ें ही कमजोर हैं. देखा गया है कि बच्चे आठवीं कक्षा तक पहुंच जाते हैं, लेकिन उन्हें बुनियादी ज्ञान नहीं होता. जाहिर है कि कमजोर नींव पर खड़ी गयी इमारत कमजोर होगी. हर साल...
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