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भारत में इस साल सामान्य से बेहतर रहेगा मानसून: आईएमडी

कार्बनकॉपी, 18 अप्रैल भारतीय मौसम विभाग ने कहा है कि भारत में 2024 के मानसून सीजन में सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है। आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि अगस्त-सितंबर तक ला नीना की स्थिति बनने की उम्मीद है, और जून से सितंबर के बीच वर्षा के लांग पीरियड एवरेज (एलपीए, 87 सेमी) का 106 प्रतिशत संचयी वर्षा होने की संभावना है। निजी मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट ने...

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केरल: कोच्चि में 11 दिनों से कचरे की आग से निकल रहा ज़हरीला धुआं, लोगों का प्रदर्शन

द वायर, 13 मार्च कोच्चि के ब्रह्मपुरम में कचरे में 11 दिन पहले लगना शुरू हुई आग से रविवार को कोच्चि शहर जहरीले धुएं से भर गया, जिसके बाद विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए. हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, जहरीले धुएं से प्रभावित लोगों को अब सुरक्षित क्षेत्रों में जाने के लिए मजबूर होना पड़ा है. रविवार सुबह वायु गुणवत्ता सूचकांक 200 से ऊपर था. कई निवासियों के संघों ने बताया कि बड़ी...

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जेंडर

खास बात   साल 2001 की जनगणना के अनुसार भारत में कुल श्रमशक्ति की तादाद 40 करोड़ है जिसमें 68.37 फीसद पुरुष और 31.63 फीसद महिला कामगार हैं। @ तकरीबन 75.38%  फीसद महिला श्रमशक्ति खेती में लगी है। @ एफएओ के आकलन के मुताबिक विश्वस्तर पर होने वाले कुल खाद्यान्न उत्पादन का 50 फीसद महिलायें उपजाती हैं। # साल 1991 की जनगणना के अनुसार 1981 से 1991 तक पुरुष खेतिहरों की संख्या में 11.67 फीसदी की बढोतरी...

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कर्नाटक के नए पशुवध कानून से आती रोज़गार में कमी

-इंडियास्पेंड, तमाम परेशानियों के बावजूद शाहिद कुरैशी की सुरमा लगी आंखों में उम्मीदों के कुछ निशान अभी बाकी थे। यह जानते हुए भी कि वह अब कभी अपने पुराने काम पर नहीं लौट पाएंगे। पूर्वी बेंगलुरु के टेनरी रोड के बूचड़खाने में दशकों से उनके हाथ मांस के इस मुश्किल और मेहनत से भरे काम को अंजाम देते आ रहे थे। काम करते-करते उनकी हथेलियां सख्त और खुरदरी हो गईं हैं। ये...

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नदियों को जिंदा रखने के लिए वन जरूरी संपदा

-इंडिया वाटर पोर्टल, नदियों  का विकास या कहें कि नदीयों  का जन्म अधिकतम वे स्थान रहें जो पहाड़ी, पठारी,ऊंचे भूभाग वाले क्षेत्र जहां वन  एवं वन सम्पदा अधिक मात्रा में पाई जाती रही, नदी छोटी हो या बड़ी "नदी ही है"। नदी का अपना महत्व है। नदियों जितने सघन वन व ऊंचे पहाड़ों से धरातल की ओर बहती , उतने ही लंबे समय जलधारा से खुशहाली पैदा करने के साथ वर्ष भर...

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