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सांभर झील संरक्षण: तीन महीने के भीतर कोर व बफर क्षेत्रों को परिभाषित करने का निर्देश

डाउन टू अर्थ, 20 नवम्बर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की सेंट्रल बेंच ने नौ नवंबर 2023 को सांभर झील के संरक्षण के लिए कई दिशानिर्देश जारी किए हैं। सांभर झील को मार्च 1990 में रामसर स्थलों की सूची में शामिल किया जा चुका है। गौरतलब है कि रामसर स्थल वो आद्रभूमियां हैं, जिनका अंतर्राष्ट्रीय महत्व है। एनजीटी ने जो दिशानिर्देश जारी किए हैं उनके तहत राजस्थान पर्यावरण विभाग के अतिरिक्त मुख्य/प्रमुख सचिव को...

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'विंग अपस्ट्रीम: लूनी फेलोशिप' के लिए आवेदन की अंतिम तारीख 31 अक्टूबर, जल्द करें आवेदन

"मूविंग अपस्ट्रीम: लूनी" कार्यक्रम वेदितम इंडिया फाउंडेशन के मूविंग अपस्ट्रीम फेलोशिप कार्यक्रम का एक हिस्सा है। वेदितम इंडिया फाउंडेशन, आउट ऑफ ईडन वॉक के साथ साझेदारी में हैं। लूनी कार्यक्रम के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली के स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी के साथ साझेदारी की है और यह प्रयास A4Store और आउट ऑफ ईडन वॉक द्वारा समर्थित है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य नदी और उसके आसपास के जीवन का दस्तावेजीकरण करना...

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मनरेगा की तर्ज पर शहरी रोजगार गारंटी योजना कितनी जरूरी?

डाउन टू अर्थ, 23 अगस्त  आज से ठीक एक साल पहले तक सरजू देवी के पास 10 गाय थीं। उनका पूरा परिवार दूध के काम में लगा था, लेकिन सितंबर 2022 लम्पी बीमारी की वजह से उनकी छह गाय मर गईं। वर्तमान में बची हुई चार में से दो गाय ही दूध देती हैं। वहीं, चारा इतना महंगा हो गया कि दूध बेचने के बाद भी गाय को पालना उनके लिए...

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नरेगा विरोध का 34वां दिन: राजस्थान के नरेगा मज़दूरों ने साझा की परेशानियां

29 मार्च, नई दिल्ली जंतर-मंतर पर नरेगा मजदूरों के 100 दिवसीय धरने का आज 34वां दिन रहा। धरने में शामिल मज़दूरों ने आज भी अपनी शिकायतों को व्यक्त किया और अपने अधिकारों की मांग को उठाया। राजस्थान से आये नरेगा मज़दूरों ने कई पहलुओं के संबंध में केंद्र सरकार की ओर से प्रतिक्रिया या शिकायत निवारण की कमी को उजागर करते हुए धरने से पहले अपने संघर्षों को रखा। धरने पर बैठने के दौरान...

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सर्द रातों में सिंचाई की समस्या का समाधान बनती सौर बिजली

 मोंगाबे हिंदी, 07 जनवरी राजस्थान के गंगानगर जिले में लुढ़कता पारा नए रिकॉर्ड बना रहा है। हालात ऐसे हैं कि लोग गर्म रजाई में भी ठिठुर रहे हैं। ऐसे वक्त में मोहनपुरा गांव के 50 वर्षीय किसान सतवीर सिंह को सर्दे रात अपने गेहूं के खेत में पानी देने के लिए जाना पड़ा। उनके मुताबिक इसकी वजह बिजली आपूर्ति है जो खेती के कामों के लिए अक्सर रात में आती है। सिंह...

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