जनचौक, 27 मार्च जलवायु परिवर्तन के कारण मार्च के महीने में मौसम का बदलता मिजाज प्रदेश के किसानों के लिए किसी आफत से कम नहीं है। बे-मौसमी बरसात से राज्य में कृषि क्षेत्र को व्यापक नुकसान हुआ है। छोटे और मझोले किसानों के लिए यह किसी आपदा से कम नहीं है। अतिवृष्टि और बिजली गिरने के कारण उत्तरकाशी जिले में पशुपालकों की साढ़े तीन सौ बकरियां मर चुकी हैं। प्रदेश भर...
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प्रकृति का बदलता मिजाज: किसानों पर पड़ रहा भारी
गाँव कनेक्शन, 17 अक्टूबर प्रकृति का बदलता स्वरूप प्रलयकारी सिद्ध हो रहा है। साल दर साल अतिवृष्टि की घटनाएं बढ़ती चली जा रहीं हैं। दुनियां के अधिकांश देशों में कुदरत के प्रलयकारी रौद्र रूप की खबरें पढ़ने, सुनने और देखने को मिल रहीं हैं। प्रकृति से जुड़ी यह ऐसी घटनाएं हैं, जिनको रोक पाना मनुष्य के बस में नहीं हैं। लेकिन इन घटनाओं के लिए जिम्मेदार ज्यादातर मनुष्य ही है। पिछले...
More »33 फीसदी से अधिक नुकसान वालों को मुआवजा, कई जिलों में सर्वे के लिए बाढ़ निकलने का इंतजार
डाउन टू अर्थ, 12 अक्टूबर उत्तर प्रदेश में करीब एक सप्ताह से जारी बरसात का सिलसिला अभी टूटा नहीं है। पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई जिले बाढ़ग्रस्त हो गए हैं जहां रेस्क्यू का काम जारी है। इस बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने अभी 24 जिलों में फसल नुकसान के आकलन के आधार पर मुआवजे का ऐलान किया है। इन 24 जिलों में 3.56 लाख किसानों की पहचान हुई है जिनकी फसल...
More »बाढ़ को असम से इतनी मोहब्बत क्यों ?
हर बरस की बात है यहां. बारिश का सीजन आता है. बाढ़ की खबरें आती हैं. मौत के आंकड़े आते हैं और, अंत में ‘राहत की घोषणा’ होती है! घोषणा आते ही सरकार की वाहवाही शुरू हो जाती हैं. इस वाहवाही की गूंज के पीछे छिप जाती है आम लोगों की ‘चीत्कार’...ऐसी ही कहानी है ‘असम’ की. उत्तर–पूर्वी भारत का एक राज्य जो मई और जून के महीनों में बाढ़ से जूझता...
More »समर्थन मूल्य से आधे में मक्के की फसल बेचने के मजबूर मध्य प्रदेश के किसान
-डाउन टू अर्थ, “पहले बारिश ने मक्के की फसल खराब की और जो रही बची कसर थी वह मंडी ने पूरी कर दी। फसल की कटाई होने लगी है लेकिन कीमत कम मिलने की वजह से इसे मंडी ले जाने की हिम्मत नहीं हो रही,” यह कहना है मध्य प्रदेश के हरदा जिले के किसान राकेश भावसार का। “अतिवृष्टि से मक्के की फसल ने दाने काफी कम आए। साथ ही, कीड़े लगने...
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