SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 35

बनारस के मुसहर गांवों में चिंता का सबब बन रहा है कुपोषण का दोहरा बोझ

-जनपथ, आर्थिक मशीनरी की विफलता के कारण बच्‍चों के अस्तित्व, स्वास्थ्य और पोषण पर कोविड-19 का प्रभाव व्यापक रहा है। वाराणसी जिले के बड़ागांव प्रशासनिक ब्लॉक के अन्‍नाई और पड़ोसी गांवों में पाया गया कि वहां के निवासी दलितों के बीच सबसे ज्यादा हाशिये वाले मुसहर समुदाय के बच्चे आम तौर से कुरकुरे, चिप्स और क्रीम बिस्कुट सहित सस्ते पैकेज्ड खाद्य पदार्थ खाते हैं, जिनमें नमक और चीनी का स्तर अधिक...

More »

कुपोषण से जूझते राजस्थान में क्यों उम्मीद की किरण है सुपोषण वाटिका?

-गांव कनेक्शन, कुपोषण राजस्थान ही नहीं पूरे देश के लिए गंभीर समस्या है। इस मामले में राजस्थान असम और बिहार के बाद तीसरे नंबर पर है। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-4 के अनुसार प्रदेश में 38.4% बच्चों का वजन औसत से कम है। 23.4 फीसदी बच्चे शारीरिक रूप से कमजोर, 8.7% बच्चे अति कमजोर और 40.8 फीसदी बच्चे अविकसित हैं। 2011 जनगणना के अनुसार प्रदेश में एक करोड़ से ज्यादा बच्चे 0-6...

More »

क्यों कुपोषण से प्रभावित श्योपुर में बच्चों को पोषण केंद्रों में ले जाने से कतरा रहे हैं परिजन?

मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले के विजयपुर तहसील अंतर्गत आने वाले ठाकुरपुरा गांव की चंदा डेढ़ वर्ष की है लेकिन उसका वजन पांच किलो भी नहीं है. अति गंभीर कुपोषित की श्रेणी में आने वाली चंदा को इलाज और उचित पोषण के लिए पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) ले जाने के लिए चिह्नित किया गया है. लेकिन आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और प्रशासन के प्रयासों के बावजूद चंदा के परिजन उसे एनआरसी ले जाने...

More »

गरीबी का वायरस और चमकी बुखार- विनोद बंधु

बिहार के तिरहुत प्रमंडल में पांच साल बाद एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) यानी चमकी बुखार का प्रेत फिर से जाग उठा है। बीते एक पखवाडे़ में इससे सवा सौ से अधिक बच्चों की सांसें थम चुकी हैं। करीब चार सौ बच्चे अस्पतालों में भर्ती कराए गए। मरीजों का आना अब भी जारी है। हर रोज बच्चों की जान जा रही है। इस इलाके के बच्चों और उनके अभिभावकों की आस...

More »

आंगनबाड़ियों में नहीं मिल रहा दोपहर का भोजन, कागजों में चल रही योजनाएं

रवि श्रीवास्तव, राजगढ़। जिले में पोषाहार, स्नेह सरोकार, ममता अभियान सहित सांझा चूल्हा आदि योजनाओं के जरिए कुपोषण भगाने का ढिंढोरा पीटा जा रहा है। लेकिन कुपोषण बधाों का पीछा नहीं छोड़ रहा। महिला बाल विकास विभाग के आंकड़ों के मुताबिक जिले में 2 हजार 820 बच्चे अतिकुपोषित एवं 26 हजार 35 बच्चे कुपोषण के शिकार हैं। दोनों श्रेणियों को मिला दें तो कुल 28 हजार 855 में से 15 हजार...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close