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देशभर में नदियों को जीवित ईकाई मान्यता देने की मांग, सभी राजनीतिक पार्टियों को भेजा गया मसौदा

डाउन टू अर्थ, 05 अप्रैल लोकसभा 2024 को चुनावी एजेंडे में पर्यावरण के मुद्दे को प्राथिमकता में लाने के लिए जन आंदोलन के राष्ट्रीय समन्वय ने सभी राजनीतिक दलों और उनके सांसदों  को अपने-अपने चुनावी घोषणा पत्र में पीपुल्स रिवर प्रोटेक्सन बिल को शामिल करने की मांग उठाई है।  एक ऑनलाइन प्रेस कांफ्रेंस के दौरान जन आन्दोलन के राष्ट्रीय समन्वय की नेत्री मेधा पाटकर ने कहा कि  ‘2024 के लोकसभा चुनावों के...

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सेब के सस्ते आयात पर लगी रोक, न्यूनतम आयात मूल्य 50 रुपये किलो तय, बागवानों को मिलेगी बड़ी राहत

रूरल वॉयस, 9 मई सेब उत्पादकों को राहत देते हुए केंद्र सरकार ने सेब के सस्ते आयात पर रोक लगा दी है। अब 50 रुपये प्रति किलो से कम कीमत वाले सेब का आयात नहीं हो सकेगा। इस फैसले से हिमाचल प्रदेश, कश्मीर और उत्तराखंड के सेब उत्पादकों को बड़ी राहत मिलेगी। विदेशों से सस्ते आयात के चलते घरेलू उत्पादकों को नुकसान उठाना पड़ रहा था और वे लंबे समय से...

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संकट में रक्त चंदन, पांच वर्षों में भारत से 19 हजार टन से ज्यादा लकड़ी का किया गया अवैध निर्यात

डाउन टू अर्थ, 6 फरवरी देश में रक्त चंदन का अवैध व्यापार तेजी से फल-फूल रहा है। इसकी पुष्टि अंतराष्ट्रीय संगठन ट्रैफिक और डब्ल्यूडब्ल्यूएफ-इंडिया द्वारा जारी नई फैक्टशीट "रेड सैंडर्स: फैक्टशीट ऑफ इंडियाज रेड सैंडर्स इन इलीगल वाइल्डलाइफ ट्रेड" से हुई है। फैक्टशीट के मुताबिक देश से 2016 से 2020 के दौरान 19,049 टन से ज्यादा रक्त चंदन की लकड़ी की तस्करी की गई थी। सीआईटीईएस ट्रेड डेटाबेस ने ऐसे 28 घटनाएं...

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जेंडर

खास बात   साल 2001 की जनगणना के अनुसार भारत में कुल श्रमशक्ति की तादाद 40 करोड़ है जिसमें 68.37 फीसद पुरुष और 31.63 फीसद महिला कामगार हैं। @ तकरीबन 75.38%  फीसद महिला श्रमशक्ति खेती में लगी है। @ एफएओ के आकलन के मुताबिक विश्वस्तर पर होने वाले कुल खाद्यान्न उत्पादन का 50 फीसद महिलायें उपजाती हैं। # साल 1991 की जनगणना के अनुसार 1981 से 1991 तक पुरुष खेतिहरों की संख्या में 11.67 फीसदी की बढोतरी...

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बिहार में शराबबंदी के बाद बढ़ते नशे के मामले; तस्करी और अवैध व्यापार में इज़ाफ़ा

-इंडिया स्पेंड, बिहार के सहरसा जिले की महिषी पंचायत के 55 वर्षीय धनंजय पौद्दार सालों से शराब पीते आ रहे थे। साल 2016 में नितीश कुमार सरकार के द्वारा की गई शराबबंदी के बाद धनंजय को जब शराब मिलना बंद हुई तो उन्होंने ताड़ी और गांजे का सहारा लिया। "लेकिन हमें गांजा का ऐसा नशा लग चुका है कि अगर किसी दिन गांजा नहीं मिले तो शरीर में अजीब सा होने...

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