कार्बनकॉपी, 18 अप्रैल भारतीय मौसम विभाग ने कहा है कि भारत में 2024 के मानसून सीजन में सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है। आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि अगस्त-सितंबर तक ला नीना की स्थिति बनने की उम्मीद है, और जून से सितंबर के बीच वर्षा के लांग पीरियड एवरेज (एलपीए, 87 सेमी) का 106 प्रतिशत संचयी वर्षा होने की संभावना है। निजी मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट ने...
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जनवरी के बाद फरवरी ने भी तोड़े बढ़ते तापमान के रिकॉर्ड, सामान्य से 1.77 डिग्री ज्यादा रहा तापमान
डाउन टू अर्थ, 11 मार्च 2024 शुरूआत से ही बढ़ते तापमान की चपेट में है, पहले जनवरी और अब फरवरी ने भी बढ़ते तापमान के पिछले सभी रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। जलवायु आंकड़ों की मानें तो फरवरी 2024 में बढ़ता तापमान औद्योगिक काल से पहले की तुलना में फरवरी के औसत तापमान से 1.77 डिग्री सेल्सियस ज्यादा दर्ज किया गया है, जो उसे जलवायु इतिहास की अब तक की सबसे...
More »पवित्र वन भूमि ओरण को डीम्ड फॉरेस्ट में बदलने के फैसले का ग्रामीणों ने शुरू किया विरोध
डाउन टू अर्थ, 07 मार्च राजस्थान में हाल ही में जारी एक अधिसूचना के बाद वन उत्पादों पर आश्रित समुदायों के बीच हड़कंप मच गया है। खासतौर से पश्चिमी राजस्थान में ऐसे समुदाय जो वन आधारित आजिविका चलाते हैं वे इस अधिसूचना के बाद सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे। इस अधिसूचना में राज्य सरकार ने पवित्र उपवन माने वाले जाने वाले ओरण को डीम्ड फॉरेस्ट यानी नामित वन मानने का प्रस्ताव किया...
More »हर साल भीषण गर्मी की वजह से आमदनी का पांच प्रतिशत नुकसान झेल रहा है गरीब किसान: एफएओ
डाउन टू अर्थ, 07 मार्च भीषण गर्मी की वजह से खेती से होने वाली आमदनी में कमी आती है। ऐसा गरीब किसान के साथ ज्यादा होता है। संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) की एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि भीषण गर्मी के दिनों में गैर गरीब किसान के मुकाबले गरीब किसान परिवारों की आमदनी में 2.4 प्रतिशत का नुकसान होता है, जो उनकी फसलों से होने...
More »क्या एम.एस.पी की मांग सिर्फ एक चुनावी नाटक है ?
वर्ष 2020 में केंद्र सरकार ने किसानों से जुड़े मसलों पर तीन कानून बनाएँ। जिसका किसानों ने भारी विरोध किया। दिल्ली की सरहदों पर डेरा डाला। करीब 13 महीनों की रस्सा-कशी के बाद समाधान का रास्ता निकला। केंद्र सरकार ने तीनों कानूनों को निरस्त कर दिया। किसानों ने धरना/आन्दोलन ख़त्म कर दिया। किसान अपने-अपने घरों की ओर लौट गए। करीब दो वर्ष बाद, एक बार फिर किसान दिल्ली की ओर...
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