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जेंडर

खास बात   साल 2001 की जनगणना के अनुसार भारत में कुल श्रमशक्ति की तादाद 40 करोड़ है जिसमें 68.37 फीसद पुरुष और 31.63 फीसद महिला कामगार हैं। @ तकरीबन 75.38%  फीसद महिला श्रमशक्ति खेती में लगी है। @ एफएओ के आकलन के मुताबिक विश्वस्तर पर होने वाले कुल खाद्यान्न उत्पादन का 50 फीसद महिलायें उपजाती हैं। # साल 1991 की जनगणना के अनुसार 1981 से 1991 तक पुरुष खेतिहरों की संख्या में 11.67 फीसदी की बढोतरी...

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गेहूं उत्पादन की उन्नत तकनीक, कब और कैसे करें बुवाई

-गांव कनेक्शन, खरीफ फसलों की कटाई के साथ ही किसान रबी फसलों की तैयारी शुरू कर देते हैं। गेहूं की फसल रबी की प्रमुख फसलों से एक है, इसलिए किसान कुछ बातों का ध्यान रखकर अच्छा उत्पादन पा सकते हैं। भारत ने पिछले चार दशकों में गेहूं उत्पादन में उपलब्धि हासिल की है। गेहूं का उत्पादन साल 1964-65 में जहां सिर्फ 12.26 मिलियन टन था, जो बढ़कर साल 2019-20 में 107.18...

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बढ़ती महंगाई में योजना आयोग का मानव विकास रिपोर्ट 2011

क्या किसी देश का एचडीआर रिपोर्ट सालों से चली आ रही महंगाई और महंगाई की बढ़वार की तुलना में आमदनी की बढ़वार का जिक्र किए बगैर इस फैसले पर पहुंच सकता है कि देश में गरीबों की संख्या घटी है क्योंकि प्रतिव्यक्ति आमदनी के बढ़ने से लोगों की क्रयशक्ति बढ़ी है और वे भोजन,सेहत,शिक्षा सहित रोजमर्रा की बाकी जरुरतों पर पहले की तुलना में ज्यादा खर्च कर रहे हैं ? एक ऐसे वक्त में जब...

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चिराग तले अंधेरा....

अधिकारों की हिफाजत में कानून बनाना एक बात है और सच्चाई की जमीन पर उतार पाना एकदम दूसरी बात।देश की राजधानी दिल्ली को ही देखें। एक तरफ तो शिक्षा के बुनियादी अधिकार को साकार करने के लिए कानून अमल में आ गया है दूसरी तऱफ देश की राजधानी दिल्ली में में कामगार तबके की आबादी वाले कॉलोनियों में बच्चे नियमित पढ़ाई लिखाई से वंचित हो रहे हैं। दिल्ली में रोजमर्रा की...

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शहरों के बढ़ने से सामाजिक तनाव की आशंका- यूएन रिपोर्ट

शहरी आबादी के तेज विस्तार से दुनिया के कई बड़े शहरों में सामाजिक तनाव की स्थितियां पैदा हो रही हैं। संयुक्त राष्ट्रसंघ द्वारा जारी मानव बसाहट से संबंधित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अनियोजित मानव बस्तियों (यानी झुग्गी-झोपड़ी)  के अस्त-व्यस्त हालात शहरों में व्यापक स्तर पर हिंसा और अराजकता की स्थिति को जन्म दे सकते हैं। प्लानिंग सस्टेनेबल सिटीज-ग्लोबल रिपोर्ट ऑन ह्यूमन सेटेलमेंट-2009 नामक इस रिपोर्ट में कहा...

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