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गुजरातः नमक उत्पादन पर अनिश्चित मौसम की मार, बढ़ रही लागत

मोंगाबे हिंदी, 16 अप्रैल  आषाढ़ी बीज, कच्छी समुदाय का नया साल है। यह दिन गुजरात के कच्छ क्षेत्र में मानसून की शुरुआत का प्रतीक भी है। यह त्योहार जून के आखिर में आता है। साथ ही, इस क्षेत्र में आजीविका के सबसे बड़े साधनों में से एक नमक बनाने का काम रुकने का संकेत भी देता है। यह छुट्टी अगस्त के आखिर में या सितंबर में खत्म होती है। इस दिन...

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शाहपुरकंडी बांध: भारत और पाकिस्तान के विशेषज्ञ जल सुरक्षा के लिए सहयोग के हिमायती हैं

द थर्ड पोल, 26 मार्च भारतीय राज्य पंजाब में रावी नदी पर शाहपुरकंडी बैराज पूरा होने वाला है। इससे पाकिस्तान के निचले हिस्से में डर पैदा हो गया है। तीन दशक पहले प्रस्तावित इस बांध से भारत के पंजाब में 5,000 हेक्टेयर और जम्मू-कश्मीर में 32,000 हेक्टेयर से अधिक खेती वाली ज़मीन पर सिंचाई हो सकेगी। लेकिन यह बांध पाकिस्तान के निचले हिस्से में नदी के पानी के किसी भी प्रवाह...

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चामी मुर्मू: पेड़ और पानी से होते हुए पद्म श्री तक का सफर

मोंगाबे हिंदी, 07 मार्च पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने वाली कोई भी संस्था या शख्स इन आंकड़ों पर हैरान हो सकता है। इसलिए, जब केंद्र सरकार ने  झारखंड में सरायकेला-खरसावां जिले की रहने वाली पर्यावरणविद् चामी मुर्मू को 75वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म श्री सम्मान देने की घोषणा की, तो चयन समिति के दिमाग में उपरोक्त आंकड़े जरूर रहे होंगे। मुर्मू तीन दशक से ज्यादा समय से वृक्षारोपण,...

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हर साल भीषण गर्मी की वजह से आमदनी का पांच प्रतिशत नुकसान झेल रहा है गरीब किसान: एफएओ

डाउन टू अर्थ, 07 मार्च  भीषण गर्मी की वजह से खेती से होने वाली आमदनी में कमी आती है। ऐसा गरीब किसान के साथ ज्यादा होता है। संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) की एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि भीषण गर्मी के दिनों में गैर गरीब किसान के मुकाबले गरीब किसान परिवारों की आमदनी में 2.4 प्रतिशत का नुकसान होता है, जो उनकी फसलों से होने...

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कभी खूबसूरती और छाया के लिए लगाए गए थे कसोद के पौधे, अब बने जंजाल

मोंगाबे हिंदी, 27 फरवरी साल 1986 में केरल के वन विभाग ने एक ऐसा फैसला लिया था जिसके लिए उन्हें कई दशक बाद पछताना पड़ रहा है। वन विभाग की सोशल फॉरेस्ट्री विंग ने कसोद (सेन्ना स्पेक्टाबिलिस) के पौधों की नर्सरी तैयार की और छाया के लिए इन पौधों को वायनाड जिले में मौजूद वायनाड वाइल्डलाइफ सैंक्चरी के ऑफिस परिसर के साथ-साथ मुथंगा और थोलपेट्टी इलाकों में सड़क के किनारे लगा...

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