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पिछले पांच वर्षों में 1798 परियोजनाओं में किया गया पर्यावरण मंजूरी की शर्तों का उल्लंघन

-न्यूजलॉन्ड्री, पिछले पांच वर्षों में करीब 1798 परियोजनाओं ने देश में पर्यावरण मंजूरी सम्बन्धी शर्तों का उल्लंघन किया है. यह जानकारी राज्यसभा में श्रीमती वेदना चौहाण द्वारा पूछे एक प्रश्न के जवाब में सामने आई है. इन परियोजनाओं में सबसे ज्यादा हिस्सा औद्योगिक परियोजनाओं का है. जिसमें 679 परियोजनाओं में नियमों का उल्लंघन किया गया है. इसके बाद इन्फ्रास्ट्रक्चर और सीआरजेड की 626 परियोजनाएं, कोयले को छोड़कर खनन से जुड़ी 305 परियोजनाएं,...

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पर्यावरण अधिसूचना का क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद करने से इसके मतलब बदल जाएंगे: केंद्र

-द वायर,  दिल्ली हाईकोर्ट में दायर पुनर्विचार याचिका में केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने विवादित पर्यावरण प्रभाव आकलन (ईआईए) अधिसूचना-2020 के ड्राफ्ट को 22 भाषाओं में अनुवाद करने के अदालत के निर्देश का विरोध किया है. केंद्र सरकार की ओर से मंत्रालय ने दावा किया कि ऐसा करने के लिए किसी कानून की मंजूरी प्राप्त नहीं है और इसके चलते आगामी विधि निर्माण में भी मुश्किलें खड़ी हो जाएंगी. केंद्र की ओर से कहा...

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ईआईए अधिसूचना का मसौदा किस प्रकार से आदिवासियों और वनवासी समुदायों के अधिकारों से समझौता करना है

-न्यूजक्लिक, जहां एक ओर पर्यावरण प्रभाव आकलन अधिसूचना, 2020 के मसौदा दस्तावेज की आलोचना व्यापार को आसान बनाने के लिए पर्यावरणीय मानदंडों को खत्म करने की कोशिशों की खातिर की जा रही है, वहीं इन नए प्रावधानों के चलते समाज के कुछ तबकों को इसका सबसे अधिक खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। और वे तबके हैं जंगली इलाकों में रहने वाले अनुसूचित जनजाति और अन्य पारम्परिक वनवासी समुदाय के लोग। नई अधिसूचना...

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असम में पर्यावरण प्रभाव आकलन मसौदे (EIA 2020) का विरोध, बाघजान और डेहिंग पटकई से सीख लेने की अपील

-गांव कनेक्शन, केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय द्वारा जारी ड्राफ्टविवादित पर्यावरण प्रभाव आकलन अधिसूचना (ईआईए,2020) को एंटी-नॉर्थइस्ट (पूर्वोत्तर विरोधी) कहा जा रहा है। वैसे तो ईआईए में संशोधित प्रस्तावाओं का देशभर में विरोध हो रहा है, लेकिन पूर्वोत्तर राज्यों के लिए ईआईए के अपने निहितार्थ है। असम और ड्राफ्ट ईआईए 2020 1984 भोपाल गैस त्रासदी के बाद 1986 में पहली बार भारत में पर्यावरण संरक्षण कानून बनाया गया था। इसी कानून के तहत...

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महामारी की आड़ में जनता को जनसुनवाई से महरूम करने की कोशिश?

-न्यूजलॉन्ड्री, लॉकडाउन के समय जनता घर में बंद थी और लाखों मजदूर सड़क पर थे. ऐसे में केंद्र सरकार ने पूर्व में बनाए गए कई नियम-कानूनों में ऐसे संशोधन प्रस्तावित कर दिए जिन्हें यदि वह सामान्य समय में प्रस्तावित करती तो उसे कड़े विरोध का सामना करना पड़ता. इन प्रस्तावित संशोधनों में सबसे महत्वपूर्ण संशोधन है केंद्रीय पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन (ईआईए यानी एनवायरमेंट इंपैक्ट ऐससमेंट)...

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