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जेंडर

खास बात   साल 2001 की जनगणना के अनुसार भारत में कुल श्रमशक्ति की तादाद 40 करोड़ है जिसमें 68.37 फीसद पुरुष और 31.63 फीसद महिला कामगार हैं। @ तकरीबन 75.38%  फीसद महिला श्रमशक्ति खेती में लगी है। @ एफएओ के आकलन के मुताबिक विश्वस्तर पर होने वाले कुल खाद्यान्न उत्पादन का 50 फीसद महिलायें उपजाती हैं। # साल 1991 की जनगणना के अनुसार 1981 से 1991 तक पुरुष खेतिहरों की संख्या में 11.67 फीसदी की बढोतरी...

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स्वायत्तता ही अकेला विकल्प-- हरिवंश चतुर्वेदी

हाल ही में मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने ट्विटर के माध्यम से यह घोषणा की कि पांच केंद्रीय विश्वविद्यालयों, 21 राज्य विश्वविद्यालयों, 26 निजी विश्वविद्यालयों और 10 कॉलेजों को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने स्वायत्तता दे दी है। इन 62 संस्थानों को यह स्वायत्तता शैक्षणिक गुणवत्ता के आधार पर दी गई, जिसके लिए उनको नैक, बेंगलुरु द्वारा मिले स्कोर को पैमाना बनाया गया है। अब ये संस्थान अपना...

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निम्न दर्जे पर पहुंचती उच्च शिक्षा - फिरोज वरुण गांधी

उन्नीसवीं सदी के लगभग मध्य में स्थापित कलकत्ता विश्वविद्यालय और उसके उत्तरार्ध के इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने देश को नोबेल विजेता और प्रधानमंत्री दिया है। मगर अब इनकी गिनती विश्व रैंकिंग में पहले 400 विश्वविद्यालयों में भी नहीं होती। यहां तक कि ब्रिक्स देशों के शीर्ष 20 विश्वविद्यालयों में हमारी एक भी यूनिवर्सिटी नहीं है। दरअसल, हमारे विश्वविद्यालय ‘उच्च शिक्षा के नगरपालिका स्कूल' में तब्दील हो गए हैं। दूसरी तरफ, अधिकतर...

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शिक्षा केंद्र, बुद्धिजीवी और सत्ता- आनंद कुमार

जनसत्ता 25 सितंबर, 2013 : किसी भी लोकतांत्रिक समाज में सरकार और शिक्षा केंद्रों के बीच का संबंध हमेशा एक सृजनशील तनाव से निर्मित होता है। सरकार की तरफ से शायद ही कभी ऐसा प्रयास हो, जिसमें शिक्षा केंद्रों को अधिकतम स्वायत्तता मिलती है, क्योंकि सरकार शिक्षा केंद्रों में चल रहे ज्ञान-मंथन, तथ्य-विश्लेषण और विद्वानों की स्वतंत्र शोध-क्षमता से सशंकित रहती है। सरकार का काम हमेशा कुछ आधा और कुछ पूरा-...

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नौकरशाही ने तबाह कर दी उत्तराखंड में उच्च शिक्षा

अनिल बंसल, नई दिल्ली। उत्तराखंड की स्कूली शिक्षा के मामले में भले अंग्रेजी राज से ही देश भर में धाक रही हो। लेकिन उच्च शिक्षा के मामले में सूबे के हाल बेहाल हैं। सरकारी विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता छीनने से लेकर शिक्षकों के पदों को मंजूरी नहीं देने पर आमादा नौकरशाह निजी विश्वविद्यालयों को बढ़ावा दे रहे हैं। एक निजी विश्वविद्यालय की मंजूरी में पांच-छह करोड़ की घूसखोरी आम बात है।...

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