गाँव कनेक्शन, 13 जून झारखंड में उरांव जनजाति से ताल्लुक रखने वाली सुप्रीति कच्छप ने आठ महीने की उम्र में अपने पिता को खो दिया था और उनकी मां ने अपने पांच बच्चों का पेट पालने के लिए दिहाड़ी के रूप में काम किया। पंचकूला में खेलो इंडिया यूथ गेम्स में सुप्रीति ने अंडर-21 वर्ग में 3,000 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक जीता है। 12 जून को झारखंड के गुमला जिले के...
More »SEARCH RESULT
झारखंड की पहली आदिवासी लड़की कैसे पहुंची कुश्ती की विश्व चैंपियनशिप में?
-गांव कनेक्शन, आदिवासी बाहुल झारखंड के खेल इतिहास में चंचला कुमारी पाहन ने अपना नाम ऐतिहासिक रूप से दर्ज करा लिया है। वह राज्य की पहली खिलाड़ी है जो कुश्ती की विश्व चैंपियनशिप में हिस्सा लेने जा रही है। गरीब आदिवासी परिवार की यह लड़की महज साढ़े 14 साल की है। रांची जिला मुख्यालय से 33 किलोमीटर दूर हटवाल गांव में बीते 22 जून से लोगों के आने-जाने का तांता लगा...
More »न बिजली, न डीजल-ईंजन फिर भी ये आदिवासी किसान कर रहे हैं सिंचाई - बाबा मायाराम
-बाबा मायाराम, न बिजली, न मोटर, न डीजल-ईंजन फिर भी हो रही है खेतों की सिंचाई। यह अनूठा काम सरगुजा जिले के आदिवासी किसान कर रहे हैं। वे पहाड़ी नाले का पानी अपने खेतों तक ले आएं हैं, जिससे खेतों की सिंचाई हो रही है। वे पहले बारिश में सिर्फ एक ही फसल ले पाते थे, अब खरीफ की फसल धान के साथ सब्जियों की फसल भी लेते हैं। छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले...
More »झारखंड बजट : पहले चरण में किसानों के 50,000 रुपये तक के कर्ज होंगे माफ
-आउटलुक एग्रीकल्चर झारखंड के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने सरकार कि बजट में किसानों की कर्ज माफी का ऐलान किया है। वर्ष 2020-21 के लिए कुल 86,370 करोड़ रुपये के इस बजट में पहले चरण में किसानों के 50,000 रुपये तक के कर्ज माफ करने के साथ ही बेरोजगार स्नातक तथा परास्नातक युवकों एवं युवतियों को दो साल तक क्रमशः पांच हजार और सात हजार रुपये वार्षिक सहायता देने की भी...
More »संकट के दोराहे पर हैं आदिवासी-- गिरिधारी राम गौंझू ‘गिरिराज
सर्वोच्च न्यायालय ने जंगलों में रहने वाले ऐसे आदिवासियों और वनवासियों को निकालने के लिए कहा है, जिनका वनभूमि पर दावा नहीं बनता। जाहिर है, इस आदेश के बाद झारखंड और बिहार समेत तमाम राज्यों के जंगलों में रहने वाले आदिवासियों और वनवासियों के समक्ष बड़ा संकट खड़ा हो गया है। जंगल को ही अपना सब कुछ मानने वाले ये आदिवासी वहां से बेदखल होने के बाद कहां जाएंगे? अगर हम...
More »