दिप्रिंट ,09 अगस्त प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) 2018 में जब शुरू की गई थी, तो इसका उद्देश्य तमाम परिवारों को भारी-भरकम स्वास्थ्य खर्च के कारण गरीबी के कगार पर पहुंचने से बचाना था. हालांकि, योजना का प्रबंधन करने वाले राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) के डेटा से पता चलता है कि टरशियरी स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत अधिक दावों के मामले में कोविड स्क्रीनिंग टेस्ट दूसरे नंबर पर है. एनएचए डेटा (8 अगस्त,...
More »SEARCH RESULT
एक व्यक्ति के स्वास्थ्य पर हर रोज महज 4.8 रुपए खर्च करती है सरकार
-न्यूजलॉन्ड्री, देश में सरकार हर व्यक्ति के स्वास्थ्य पर रोज करीब 4.8 रुपए खर्च करती है. यह जानकारी नेशनल हेल्थ अकाउंट (एनएचए) द्वारा जारी रिपोर्ट में सामने आई है. 2017-18 के लिए जारी आंकड़ों के अनुसार सरकार ने इस दौरान प्रति व्यक्ति स्वास्थ्य पर करीब 1,753 रुपए खर्च किए हैं, जबकि 2013-14 में यह राशि करीब 1,042 रुपए थी, देखा जाए तो पिछले चार वर्षों में 711 रुपए की बढ़ोतरी हुई...
More »कोविड-19 टीके के लाभार्थियों से पूछे बिना ही बना दी स्वास्थ्य आईडी
-कारवां, मई 2021 की शुरुआत में 29 वर्षीय श्वेता सुंदर अपने परिवार के तीन सदस्यों के साथ कोविशील्ड वैक्सीन की पहली खुराक लेने के लिए दक्षिणी दिल्ली के एक सरकारी स्कूल गई थीं. टीकाकरण केंद्र के कर्मचारियों ने उन्हें पहचान के लिए आधार कार्ड जमा करने को कहा. सरकार ने जो दिशानिर्देश जारी किए हैं उनके अनुसार लाभार्थी छह अन्य प्रकार के सरकारी पहचान पत्र जमा कर सकते हैं. सुंदर ने कहा, “उस...
More »नेशनल हाइवे पर छोटे ढाबों के रास्ते बंद, बड़ी प्राइवेट कंपनियों के खुले द्वार!
-गांव सवेरा, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के नए नियमों के अनुसार किसी भी नेशनल हाइवे और एक्सप्रेस-वे पर बने पेट्रोल पंप, ढाबा, रेस्टोरेंट, कनैक्टिंग रोड़ या फिर किसी भी तरह की अन्य प्राइवेट प्रोप्रटी के लिए एनएचएआई (नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया) से अनुमति लेनी होगी. जिसके लिए ढाबा मालिकों को फीस के तौर पर सरकार को एक मोटी रकम देनी होगी. 26 जून 2020 को सड़क परिवहन एवं राजमार्ग...
More »निजी अस्पताल के डॉक्टरों का दावा पंजाब सरकार ने महंगे टीके खरीदने के लिए डाला दबाव
-कारवां, मई से जून के बीच पंजाब सरकार ने राज्य के निजी अस्पतालों को ढाई गुना से अधिक कीमत पर टीके बेचे. निजी अस्पताल के डॉक्टरों ने मुझे बताया कि राज्य ने अस्पतालों को सीधे निर्माताओं को ऑर्डर देने के बजाय सरकार से बढ़े हुए दामों पर टीके खरीदने के लिए अपने प्रभाव का प्रयोग किया. इसका मतलब यह है कि पंजाब में लोगों की सरकारी टीकों तक पहुंच सीमित थी. टीके निजी...
More »