मोंगाबे हिंदी, 21 मार्च क्या आप जानते हैं कि दुनिया में करीब 2.76 करोड़ लोग हर दिन जबरन मजदूरी करने को मजबूर हैं। मतलब कि प्रति हजार लोगों पर 3.5 लोग वो हैं जो आधुनिक दासता के इस दलदल में फंसे हैं। यह जानकारी अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) द्वारा जारी नई रिपोर्ट 'प्रोफिट्स एंड पावर्टी: द इकोनॉमिक्स ऑफ फोर्स्ड लेबर' में सामने आई है। आंकड़ों के मुताबिक जबरन मजदूरी के हर 10...
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रासायनिक या प्राकृतिक? फैशन उद्योग के रंगरेज की उलझन
मोंगाबे हिंदी, 15 जनवरी हाल के कुछ सालों में फैशन इंडस्ट्री प्राकृतिक संसाधनों के अत्यधिक इस्तेमाल और सिंथेटिक रंगाई प्रक्रिया से निकलने वाले जहरीले कचरे की वजह से जांच के दायरे में आ गई है। इससे निकलने वाला अपशिष्ट जल नदी, तालाबों और नहरों के पानी को दूषित कर रहा है। दुनियाभर में कपड़ा रंगाई का काम जल प्रदूषण का दूसरा सबसे बड़ा कारण है। शायद यही वजह है कि दक्षिण...
More »क्या है कॉप 28 और दक्षिण एशिया के लिए इसके क्या मायने हैं?
द थर्ड पोल, 07 दिसम्बर कॉप 28, इस वर्ष का एक महत्वपूर्ण संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन है। जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (यूएनएफसीसीसी) के साझेदारों के सम्मेलन को ‘कॉप’ कहा जाता है। कॉप 28 में इसके 198 हस्ताक्षरकर्ता एक मंच पर होंगे। ये सभी जलवायु परिवर्तन को सीमित करने और इसके प्रभावों को अनुकूलित करने के प्रयासों पर चर्चा के लिए हर साल मिलते हैं। संयुक्त राष्ट्र के सभी...
More »जानलेवा वायु प्रदूषण: यूरोप में सालाना 2.53 लाख मौतों की वजह बना पीएम 2.5
डाउन टू अर्थ, 01 दिसम्बर भारत ही नहीं बढ़ते वायु प्रदूषण से यूरोप भी त्रस्त है, जो हर साल वहां लाखों जिंदगियों को लील रहा है। यूरोपियन एनवायरनमेंट एजेंसी (ईईए) ने 24 नवंबर 2023 को प्रकाशित अपनी रिपोर्ट में जानकारी दी है कि यूरोप में 2021 के दौरान वायु प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा तय मानकों से कहीं ज्यादा दर्ज किया गया। आंकड़ों के अनुसार इस दौरान प्रदूषण के...
More »कटी हुई अँगुलियाँ और चमचमाती कारें
क्या आप जानते हैं कि आपकी कार बनाते समय कितने लोगों की अँगुलियाँ कट गई थी ? आपने जिस भी कंपनी से कार खरीदी है, क्या वहाँ सुरक्षा मानकों की पालना की जा रही थी ? मजदूरों की सुरक्षा के लिए कौनसे कदम उठाएँ गए हैं ? क्या वो पर्याप्त हैं ? इसी तरह के सवाल का ज़वाब तलाशती है– ‘सेफ इन इंडिया’ की रिपोर्ट – सेफ्टी–नीति 2023 और CRUSHED 2022. ऑटो–मोबाइल क्षेत्र,...
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