-इंडिया वाटर पोर्टल, कभी देश की इकलौती कछुआ सेंचुरी उत्तर प्रदेश के वाराणसी में गंगा नदी में स्थित थी। लेकिन मार्च 2020 में उसे डिनोटिफाई कर गंगा नदी में ही प्रयागराज के कोठारी गांव में मिर्जापुर और भदोही के 30 किलोमीटर के दायरे में शिफ्ट किया गया है। यानी गंगा एक्शन प्लान के तहत 1989 में चिन्हित की गई सेंचुरी का वाराणसी में कोई वजूद नही है वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक...
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मोदी सरकार के प्रोजेक्ट डॉल्फिन से पर्यटन नहीं बढ़ सकता क्योंकि गंगा की डॉल्फिन फिल्मी नहीं
-द प्रिंट, देश के नेतृत्व से व्यावहारिक विचार की आशा रहती है और वे महान विचार की जिद पर अड़े रहते हैं. एक कहानी सुनिए– दो दशक पहले की बात है. 1989 के दिसंबर की सर्दियां थीं. देश में कुछ महीनों वाले प्रधानमंत्रियों का दौर शुरू हो गया और उस समय जिम्मेदारी संभाल रहे थे राजा मांडा वीपी सिंह. उन्हें बताया गया कि पूर्ववर्ती राजीव गांधी ने गंगा में एक कछुआ सेंचुरी का...
More »आम आदमी से छीनी जा रही गंगा-- डा.भरत झुनझुनवाला
केंद्र सरकार ने गंगा पर इलाहाबाद से हल्दिया तक जहाज चलाने का निर्णय लिया है. इसके लिए एक जहाज पटना से रामनगर के लिए रवाना हुआ था. जहाज को बनारस में राजघाट पर राज्य के वन विभाग ने रोक लिया है. राजघाट से रामनगर तक की 10 किमी की दूरी को कछुओं के संरक्षण के लिए कछुआ सेंचुरी घोषित किया गया है. वन विभाग का कहना है कि कछुआ सेंचुरी में...
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