-सत्यहिंदी, अक्सर वे दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में दिख जाती थीं। एक दुबली-छरहरी, गोरी, तेज़ क़दमों से चलती हुई काया, जिन्हें देख कर यह नहीं लगता था कि वे प्राचीन इतिहास, कला-शिल्प और शास्त्रीय नृत्य-रूपों की विदुषी होने के अलावा संस्कृति के क्षेत्र में बड़ी हैसियत रखने वाली महिला भी हैं। कपिला वात्स्यायन ( जन्म: 25 दिसंबर 1928; निधन: 16 सितम्बर 2020) शायद पुपुल जयकर के बाद दूसरी ऐसी हस्ती थीं...
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