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यूरेनियम खदानों के पास रहने वाले लोगों ने कहा, प्रदूषण से उनकी सेहत और खेतों पर असर पड़ा

 मोंगाबे हिंदी, 06 नवम्बर आंध्र प्रदेश के वाईएसआर कडपा जिले के तुम्मलपल्ले और अन्य गांवों के पास यूरेनियम टेलिंग्स तालाब में यूरेनियम कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (यूसीआईएल) द्वारा खनन के संभावित प्रभावों के कारण, प्रभावित स्थानीय समुदाय पिछले एक दशक से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। टेलिंग का मतलब खनन प्रक्रियाओं के बाद बचे अपशिष्ट पदार्थ से है। यह खदान आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस. जगनमोहन रेड्डी के निर्वाचन क्षेत्र पुलिवेंदुला में...

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रबर किसानों ने केंद्र की कॉरपोरेट समर्थक नीतियों के खिलाफ जंतर-मंतर पर जताया विरोध!

गाँव सवेरा, 15 सितम्बर अखिल भारतीय किसान सभा (एआईकेएस) से जुड़े केरल, त्रिपुरा, तमिलनाडु और कर्नाटक के सैकड़ों रबर किसानों ने अपनी समस्याओं को लेकर गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी के जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया और संसद तक मार्च किया. धरने के दौरान किसान नेताओं ने शिकायत की कि सरकार की नीतियों की वजह से रबर किसानों के सामने अभूतपूर्व संकट पैदा हो गया है. उन्होंने ने भाजपा और कांग्रेस की...

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सर्द रातों में सिंचाई की समस्या का समाधान बनती सौर बिजली

 मोंगाबे हिंदी, 07 जनवरी राजस्थान के गंगानगर जिले में लुढ़कता पारा नए रिकॉर्ड बना रहा है। हालात ऐसे हैं कि लोग गर्म रजाई में भी ठिठुर रहे हैं। ऐसे वक्त में मोहनपुरा गांव के 50 वर्षीय किसान सतवीर सिंह को सर्दे रात अपने गेहूं के खेत में पानी देने के लिए जाना पड़ा। उनके मुताबिक इसकी वजह बिजली आपूर्ति है जो खेती के कामों के लिए अक्सर रात में आती है। सिंह...

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बात सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की!

क्या इस देश को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की जरूरत है? जिस मकसद को लेकर इन बैंकों का गठन किया गया था क्या वो पूरा कर पा रही हैं? क्या पब्लिक सेक्टर के बैंक निजी क्षेत्र के बैंकों के साथ कुशलतापूर्वक प्रतिस्पर्धा कर पा रही हैं? आज के न्यूज़ अलर्ट समाचार में इन्हीं प्रश्नों का उत्तर ढूंढने की कोशिश करेंगे– सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की कुशलता– रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के एक...

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जेंडर

खास बात   साल 2001 की जनगणना के अनुसार भारत में कुल श्रमशक्ति की तादाद 40 करोड़ है जिसमें 68.37 फीसद पुरुष और 31.63 फीसद महिला कामगार हैं। @ तकरीबन 75.38%  फीसद महिला श्रमशक्ति खेती में लगी है। @ एफएओ के आकलन के मुताबिक विश्वस्तर पर होने वाले कुल खाद्यान्न उत्पादन का 50 फीसद महिलायें उपजाती हैं। # साल 1991 की जनगणना के अनुसार 1981 से 1991 तक पुरुष खेतिहरों की संख्या में 11.67 फीसदी की बढोतरी...

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