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छत्तीसगढ़ः कहां तक सही है प्रतिबंधित तिवरा या खेसारी दाल को समर्थन मूल्य के अंतर्गत लाना

मोंगाबे हिंदी, 12 जनवरी पिछले 50 सालों से भी अधिक समय तक देश में प्रतिबंधित रही, तिवरा या खेसारी दाल की छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर ख़रीदी का मामला अब अटक गया है। असल में कांग्रेस पार्टी ने हाल ही में हुए राज्य के विधानसभा चुनाव के दौरान अपने घोषणापत्र में समर्थन मूल्य पर इस दाल की ख़रीदी का वादा किया था। लेकिन राज्य से कांग्रेस सरकार की विदाई के साथ...

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बाजार में 122 रुपए किलो का टमाटर और किसान को प्रति किलो की बिक्री पर मिल रहे सिर्फ 10 रुपए

डाउन टू अर्थ, 30 जून  टमाटर की कीमतों ने पूरे देश में हाहाकार मचा रखा है। उपभोक्ता मामले विभाग के प्राइस मॉनिटरिंग डिवीजन के मुताबिक 27 जून, 2023 को टमाटर की अधिकतम खुदरा कीमतें 122 रुपए किलो तक पहुंच गईं, जबकि किसान प्राइवेट ट्रेडर्स को घाटे में टमाटर बेचने को मजबूर हैं। इस सीजन में भी टमाटर किसान लागत न निकाल पाने वाली दर पर अधिकतम 10 रुपए थोकभाव में प्राइवेट...

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जेंडर

खास बात   साल 2001 की जनगणना के अनुसार भारत में कुल श्रमशक्ति की तादाद 40 करोड़ है जिसमें 68.37 फीसद पुरुष और 31.63 फीसद महिला कामगार हैं। @ तकरीबन 75.38%  फीसद महिला श्रमशक्ति खेती में लगी है। @ एफएओ के आकलन के मुताबिक विश्वस्तर पर होने वाले कुल खाद्यान्न उत्पादन का 50 फीसद महिलायें उपजाती हैं। # साल 1991 की जनगणना के अनुसार 1981 से 1991 तक पुरुष खेतिहरों की संख्या में 11.67 फीसदी की बढोतरी...

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महामारी के समय में बजट और राजनीति

-आइडियाज फॉर इंडिया, हाल ही में वर्ष 2022-23 के लिए घोषित बजट को राजनीतिक अर्थव्यवस्था के चश्मे से देखते हुए, यामिनी अय्यर तर्क देती हैं कि महामारी के दौरान घोषित किये गए दोनों बजटों में कल्याण से ज्यादा पूंजीगत व्यय पर दिया गया जोर "बाजार के अनुकूल सुधारों" की ओर राजनीतिक आख्यान में बदलाव का सिलसिला मात्र है जो 2019 में मोदी सरकार के फिर से चुने जाने के साथ शुरू...

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ऐसी MSP योजना जो खेती का उद्धार करे

-गांव सवेरा, किसानों का संघर्ष जारी है। यह राजनीतिक सत्ता हासिल करने का संघर्ष नहीं है। यह संघर्ष है भारत की खेती और खेतिहर आबादी के बहुत बड़े हिस्से की आजीविका और रहन सहन को बेहतर करने का जो देश के ज्यादातर हिस्सों में बहुत ही बुरी दशा में है। इसलिए यह निहायत जरूरी हो गया है कि इस शांतिमय जनांदोलन को एक नई दिशा दी जाए ताकि छोटी खेती किसानी...

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