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खेती-बाड़ी को किस दिशा ले जाएगी घटते खेतों की प्रवृत्ति?

कार्बन कॉपी, 27 फरवरी दरअसल दुनिया अब नए खेतों को बनता नहीं देख पाएगी। बजाय इसके खेतों का एकीकरण शुरू होगा। भारत जैसे देशों के साथ ही एशिया, अफ्रीका व उत्तरी अमेरिका के अधिकांश गरीब और विकासशील देशों के लिए यह एक ऐसा बदलाव है, जिसके बारे में हमने कभी नहीं सोचा था। और इसलिए हम इसके परिणामों के लिए तैयार नहीं थे। उदाहरण के लिए भारत में क्रियाशील कृषि जोतों की...

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मध्य प्रदेश: वन मित्र पोर्टल में उलझे वन ग्राम, नहीं मिल पाया राजस्व ग्राम का दर्जा

डाउन टू अर्थ, 30 जनवरी “अपनी जमीन पर फसल लगाओ या जंगल से वनोपज लाओ, हमेशा कार्रवाई का डर लगा रहता है। न खाने को कुछ मिल रहा है और पीने को पीना। बिजली, सड़क तो दूर की बात है”। दनलू बैगा यह कहते-कहते निराश हो जाते है। दनलू मध्य प्रदेश के डिडौंरी जिले की फिटारी ग्राम पंचायत के लमोठा वनग्राम में एक हेक्टेयर (2.4711 एकड़) वनभूमि पर परिवार के आठ सदस्यों...

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खतरे में खाद्य उत्पादन, बढ़ते तापमान से भारत में 73 फीसदी तक घट सकती है किसानों की श्रम उत्पादकता

डाउन टू अर्थ, 22 जनवरी   कहते हैं जब किसान का पसीना धरती पर गिरता है तो दाना उपजता है, जो धरती पर करोड़ों लोगों का पेट भरता है। इसमें शक नहीं की खेती-किसानी बड़ी मेहनत का काम है। इसके लिए किसानो को तपती गर्मी, बारिश और हाड़ गला देने वाली सर्दी की परवाह किए बिना जूझना पड़ता है। लेकिन बढ़ता तापमान देश के इन मेहनतकश किसानों को भी आजमा रहा है। इसका...

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अन्यत मिलेटः अरुणाचल की थाली में वापस आ रहा पारंपरिक खान-पान से जुड़ा मोटा अनाज

मोंगाबे हिंदी, 22 दिसम्बर  माटी पर्टिन अब इस दुनिया में नहीं है। 97 साल की उम्र में उनका निधन हुआ।  जैसे-जैसे पर्टिन की उम्र बढ़ती गईं, उन्हें अन्यत (एक तरह का मोटा अनाज) की खूब याद आती थी। दरअसल, वह इसी अनाज को खाकर बड़ी हुई थी। उनकी पोती डिमम पर्टिन ने कहा, दादी के युवावस्था में यह मोटा अनाज खान-पान का अहम हिस्सा था। तब वह अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी...

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बांग्लादेश में बढ़ता जलवायु विस्थापन, भारत के लिए चेतावनी

कार्बनकॉपी, 24 जुलाई बांग्लादेश में जलवायु शरणार्थियों की संख्या बढ़ रही है। अभी वहां 71 लाख शरणार्थी हैं जिनकी संख्या 2050 तक 1.33 करोड़ हो सकती है। बांग्लादेश में विस्थापितों को बसाने के लिये पर्याप्त उपयुक्त जमीन नहीं है। कृषि और रोजगार चौपट होने से यह शरणार्थी भारत का रुख कर रहे हैं। भारत में नेपाल, श्रीलंका और बांग्लादेश से शरणार्थियों का दबाव बढ़ेगा। कौशल विकास के जरिए विस्थापितों को अन्य देशों में रोजगार...

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