द वायर, 6 फरवरी कुल 61 करोड़ परमानेंट एकाउंट नंबर (पैन) में से करीब 48 करोड़ को अब तक विशिष्ट पहचान संख्या आधार से जोड़ा जा चुका है और 31 मार्च तक ऐसा नहीं करने वाले लोगों को कारोबार एवं कर संबंधी गतिविधियों में लाभ नहीं मिल पाएंगे. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरपर्सन नितिन गुप्ता ने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि अब भी कई करोड़ पैन को आधार से...
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जेंडर
खास बात साल 2001 की जनगणना के अनुसार भारत में कुल श्रमशक्ति की तादाद 40 करोड़ है जिसमें 68.37 फीसद पुरुष और 31.63 फीसद महिला कामगार हैं। @ तकरीबन 75.38% फीसद महिला श्रमशक्ति खेती में लगी है। @ एफएओ के आकलन के मुताबिक विश्वस्तर पर होने वाले कुल खाद्यान्न उत्पादन का 50 फीसद महिलायें उपजाती हैं। # साल 1991 की जनगणना के अनुसार 1981 से 1991 तक पुरुष खेतिहरों की संख्या में 11.67 फीसदी की बढोतरी...
More »पैंडोरा पेपर्स: पैसे छिपाने के नए ठिकाने
-आउटलुक, “कमाई छिपाने के लिए अमीर उन देशों में पैसे भेज रहे जहां टैक्स की दर बहुत कम, लगातार होती घटनाएं बताती हैं कि आर्थिक अपराध रोकने के कानून बेमानी” बैंकों से कर्ज लो, पैसा विदेश भेजो और देश में खुद को दिवालिया घोषित कर दो। भारत में यह नया ट्रेंड बनता जा रहा है। यह बात पनामा पेपर्स और पैराडाइज पेपर्स के बाद अब ‘पैंडोरा पेपर्स’ के खुलासे से साबित होती...
More »‘अर्थ में छिपा है अनर्थ’ जैसे 5 कारण जो गंगा को साफ नहीं होने देते
-द प्रिंट, गंगा की अविरलता और निर्मलता का मुद्दा, गगनभेदी नारों, दावों और वादों में उलझ कर रह गया है. सच के लगातार निर्माण के बावजूद गंगा साफ नहीं हो पा रही. हम यहां उन कारणों को समझने की कोशिश कर रहे हैं, जो गंगा को बहने नहीं देते. 1- क्योंकि अर्थ में छिपा है अनर्थ– जब आप गंगा के लिए ‘अर्थ गंगा’ शब्द का इस्तेमाल करते हैं तो इसका सीधा मतलब...
More »फैक्ट चैक : कोरोनावायरस लॉकडाउन में मोदी सरकार के दस बड़े झूठ
-कारवां, 24 मार्च को जब केंद्र सरकार ने नोवेल कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की तो सरकार के प्रतिनिधियों और मंत्रियों ने अपनी राजनीति को सही ठहराने और आलोचना से पल्ला छुड़ाने के लिए जनता के बीच लगातार आधी-अधूरी और झूठी बातें प्रचारित की. अधिकारियों ने जो दावे किए उनमें से कई जमीनी रिपोर्टों से मेल नहीं खाते. देश के कई हिस्सों में भूख और भुखमरी...
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