डाउन टू अर्थ, 3 नवम्बर हिमालयी राज्यों में पर्यटन का केंद्र बने पहाड़ी शहरों में बढ़ रही आपदाओं की पड़ताल करती यह रिपोर्ट डाउन टू अर्थ, हिंदी पत्रिका की आवरण कथा की दूसरी कड़ी हैत्र इससे पहले की कड़ी में आपने पढ़ा: आवरण कथा, खतरे में हिल स्टेशन: क्या जोशीमठ के 'सबक' आ सकते हैं काम? माना जाता है कि शिमला शहर 18वीं शताब्दी में एक घना जंगल था। 1864...
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भारत में केवल 10.5% पुलिसकर्मी महिलाएं हैं और 3 में से सिर्फ 1 पुलिस थाने में CCTV है – रिपोर्ट
दिप्रिंट, 8जुलाई न्याय क्षेत्र के सुधार की दिशा में काम कर रहे समूहों द्वारा तैयार की गई इंडिया जस्टिस रिपोर्ट कहती है कि भारत के पुलिस बल को महिलाओं की 33% नुमाइंदगी हासिल करने में 33 साल लग जाएंगे. नई दिल्ली: भारतीय पुलिस बल की शक्ति भले ही पिछले 10 वर्षों में (2010-2020) 32 प्रतिशत बढ़ गई हो लेकिन सभी राज्यों और केंद्र-शासित क्षेत्रों के पूरे बल में महिलाओं की संख्या केवल...
More »मई दिवस- मोदी सरकार ने कैसे भारत को एक भयानक संकट के बीच लाकर खड़ा कर दिया
-द प्रिंट, 1 मई को प्रकाशित इस स्तंभ का शीर्षक बिल्कुल संयोग से ऐसा बन गया है. यहां शब्दों का कोई खेल करने का इरादा नहीं है. बदकिस्मती से भारत आज जिस संकट में फंस गया है उसका बयान इसी तरह किया जा सकता है. वह ऑक्सीजन से लेकर एन-95 मास्क तक और ऑक्सीमीटर से लेकर वैक्सीन तक तमाम चीजों के लिए बड़े देशों से मदद मांग रहा है. और ये...
More »मोदी सरकार ने सामान्य वर्ग आरक्षण की निर्णय प्रक्रिया का ब्योरा देने इनकार किया: आरटीआई
नई दिल्ली: सरकार ने सूचना के अधिकार (आरटीआई) कानून के कैबिनेट दस्तावेजों और मंत्रियों की बातचीत के रिकार्डोंं के खुलासे पर रोक संबंधी उपबंध का हवाला देते हुए आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए आरक्षण पर निर्णय की प्रक्रिया का ब्योरा साझा करने से इनकार कर दिया. गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) कॉमनवेल्थ ह्यूमन राइट इनिशिएटिव (सीएचआरआई) के साथ सूचना तक पहुंच कार्यक्रम के समन्वयक वेंकटेश नायक ने इस संबंध...
More »RTI कार्यकर्ता को PMO ने नहीं दिया चाय-नाश्ते के खर्च का ब्योरा
भोपाल (स्टेट ब्यूरो)। केजरीवाल सरकार में चाय-नाश्ते पर खर्च को कॉमनवेल्थ घोटाले जैसा बताने वाली भाजपा की केंद्र सरकार प्रधानमंत्री कार्यालय में चाय-नाश्ते के खर्च का ब्यौरा नहीं रखती है। सूचना का अधिकार (आरटीआई) के आवेदन पर प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया है कि सरकारी खातों में यह ब्यौरा नहीं रखा जाता है, इसलिए प्रधानमंत्री कार्यालय और निवास में चाय-नाश्ते पर खर्च की कोई जानकारी नहीं दी जा सकती। एक आरटीआई आवेदन...
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