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भारत में जून से अक्टूबर के बीच आ सकती है कोविड-19 की चौथी लहर- IIT कानपुर की स्टडी

-द प्रिंट, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर के शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन में कहा है कि भारत में कोरोनावायरस संक्रमण की चौथी लहर जून और अक्टूबर के बीच भारत में आ सकती है. उनका कहना है कि चौथी लहर 22 जून 2022 से शुरू होगी और 23 अगस्त 2022 तक चरम पर पहुंचेगी और फिर 24 अक्टूबर 2022 तक समाप्त हो जाएगी.’ यह अध्ययन मेडरिव पत्रिका में हाल में प्रकाशित हुआ है और...

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जेंडर बजट में कटौती, मोदी सरकार के ‘अमृतकाल’ में महिलाओं की नहीं कोई जगह

-न्यूजक्लिक, “देश के उज्ज्वल भविष्य में नारी शक्ति की भूमिका अहम है। अमृत काल के दौरान महिलाओं के विकास के लिए हमारी सरकार ने महिला और बाल विकास मंत्रालय की स्कीमों को नया और व्यापक रूप दिया है।" अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने महिला सशक्तिकरण और अधिकारों की बड़ी-बड़ी बातें तो कीं मगर उनके बजट में सरकार की वो प्रतिबद्धता महिलाओं के लिए नज़र नहीं आई। इस बजट में महिला एवं बाल विकास विभाग के...

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बजट 2022-23: कैसा होना चाहिए महामारी के दौर में स्वास्थ्य बजट

-न्यूजक्लिक, विगत दो वर्षों से दुनिया महामारी का दंश झेल रही है। भारत एक बड़ी आबादी वाला देश होने के कारण इस कोरोनावायरस संक्रमण की वजह से चौतरफा संकटों से घिरा हुआ है। देश में सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक और राजनीतिक संकटों ने यहां के नागरिकों को भविष्य के प्रति आशंकित कर रखा है। अभी भी महामारी का खतरा गया नहीं है और स्वस्थ्य की कई चुनौतियां लोगों के जीवन को प्रभावित...

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नवीनतम एनएफएचएस डेटा: कुल प्रजनन दर में गिरावट की प्रवृत्ति के बीच केरल और तमिलनाडु अपवाद बनकर उभरे‍!

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण पांचवें दौर (एनएफएचएस-5) के दूसरे चरण के आंकड़े जारी होने के बाद, मीडिया टिप्पणीकारों और विशेषज्ञों ने लिखा है कि भारत के लिए कुल प्रजनन दर (टीएफआर) प्रतिस्थापन स्तर की प्रजनन क्षमता से नीचे चली गई है. साल 2015-16 में पूरे देश का कुल प्रजनन दर (टीएफआर) 2.2 थी, जो 2019-21 में घटकर 2.0 हो गई है. संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, प्रतिस्थापन स्तर की प्रजनन क्षमता तब...

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आवरण कथा: कोविड-19 वैक्सीन पर नियंत्रण की लड़ाई

-डाउन टू अर्थ, कोविड-19 महामारी के दौर में जोनस साल्क की याद पोलियो टीके को विकसित करने और उसका पेटेंट न करने वाले साल्क का दर्शन आज के दवा शोधकर्ताओं के लिए अभिशाप है एक थे जोनस साल्क। कुछ लोगों को बताने की जरूरत है कि वह कौन थे। साल्क एक वायरोलॉजिस्ट थे जिन्होंने 1955 आए पोलियो के टीके को सफलतापूर्वक विकसित किया था। यह वह समय था जब पोलियो दुनियाभर की स्वास्थ्य...

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