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FCI को नहीं मिल रहे चावल के खरीदार, 7.51 लाख टन पेशकश के मुकाबले हुई सिर्फ 460 टन की खरीद!

 गाँव सवेरा, 17 जुलाई खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत एक तरफ केंद्र सरकार ने राज्यों को बोली लगाने से प्रतिबंधित कर दिया है, दूसरी तरफ भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा की जा रही गेहूं और चावल की ई-नीलामी में चावल के खरीदार नहीं मिल रहे हैं. एफसीआई द्वारा की गई चावल की दो नीलामी में सिर्फ 460 टन चावल की बिक्री हुई है, जबकि कुल पेशकश 7.51 लाख टन...

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आट्टे की कीमतों पर रोक लगाने के लिये सरकार ने गेहूं की स्टॉक लीमिट तय की!

गाँव सवेरा, 14 जून  गेहूं और आटे की कीमतें पिछले महीने से लगातार बढ़ रही है, तामाम कोशिशों के बाद भी सरकार गेहूं के स्टॉक पर रोक लगाने में विफल रही है, ऐसे में सरकार ने कीमतों को कंट्रोल करने के लिए कई बड़े कदम उठाते हुए गेहूं की स्टॉक लिमिट तय की है. सरकार ओपन मार्केट सेल स्कीम/OMSS के जरिए गेहूं की बिक्री करेगी जिसके पहले चरण में केंद्रीय पूल...

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टूटे चावल के निर्यात को सशर्त मंजूरी, खाद्य सुरक्षा जरूरतों के लिए दी गई अनुमति, आयातक देशों को करना होगा अनुरोध

रूरल वॉयस, 25 मई  टूटे चावल के निर्यात को सरकार ने शर्तों के साथ मंजूरी दे दी है। आयातक देशों की खाद्य सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए यह मंजूरी दी गई है। सरकार की ओर से जारी एक अधिसूचना में इसकी जानकारी दी गई है। टूटे चावल के सामान्य निर्यात पर प्रतिबंध है जो पिछले साल 9 सितंबर को लगाया गया था। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) की ओर से बुधवार...

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भारत ने टूटे चावल के निर्यात पर क्यों किया बैन, क्या अन्य किस्मों पर भी लग सकता है प्रतिबंध

दिप्रिंट, 13 सितम्बर 8 सितंबर को दुनिया के सबसे बड़े चावल निर्यातक देश भारत ने खुदरा कीमतों में बढ़ोतरी को नियंत्रित करने के लिए निर्यात प्रतिबंधों की घोषणा की. इस कदम का अनुमान पहले से लगाया जा रहा था क्योंकि कम बारिश के कारण कम और देरी से बुवाई से उत्पादन प्रभावित होने की आशंका बनी हुई है. इस साल तेज गर्मी गेहूं की उपज में कमी का कारण बनी, जिस वजह...

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बाढ़ के बाद खाद की कमी और कालाबाज़ारी से जूझते बिहार के किसान

-इंडियास्पेंड, पौल के बीरपुर प्रखंड में सरकार के विरोध में प्रदर्शन करते किसान। फोटो: अमित चौधरी"धान का सीजन बाढ़ खा गया, अब डीएपी के लिए बाप-बाप कर रहे है। सिर्फ एक दिन गांव में पैक्स वाले के पास डीएपी आया था। भोर में (सुबह) 3.00 बजे से लाइन में लग गए, बावजूद इसके डीएपी और यूरिया नहीं मिला," बिहार के सहरसा जिले के बलवा गांव के सत्तन पासवान अपनी खेती की...

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