गाँव सवेरा, 4 दिसम्बर कपास की फसल का कम दाम मिलने का कारण कपास किसान राज्य में अगले साल फसल की खेती छोड़ने पर विचार कर रहे हैं. कपास की फसल का रकबा तेजी से घट रहा है और किसानों का कहना है कि कपास की खेती अब घाटे का सौदा साबित हो रही है. बाजार में किसानों को कपास की कीमत न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम मिल रही है....
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कश्मीर में किसानों के लिए घाटे का सौदा साबित हो रही बादाम की खेती, दूसरी बागवानी फसलों की तरफ कर रहे हैं रुख
गाँव कनेक्शन, 3 नवम्बर कश्मीर के मीठे बादाम, जिनमें तेल की मात्रा अधिक होती है, 'मेवा के राजा' के रूप में जाने जाते हैं। राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के अनुसार भारत में उत्पादित कुल बादाम का 91 प्रतिशत से अधिक जम्मू और कश्मीर में खेती की जाती है, इसके बाद हिमाचल प्रदेश में नौ प्रतिशत की खेती की जाती है। लेकिन, कश्मीर के बादाम के बागों की जगह धीरे-धीरे सेब सहित अन्य...
More »मनरेगा से बने चेकडैम से 10 गुणा तक बढ़ी ग्रामीणों की आमदनी
-डाउन टू अर्थ, जालौन जिले के मीगनी ग्राम पंचायत के तहत आने वाले हिम्मतपुरा और मीगनी गांव की तस्वीर बदलने में मनरेगा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसका सबसे अधिक फायदा दलित और वंचित तबकों को पहुंचा है। इसे हिम्मतपुरा गांव से समझा जा सकता है। गांव में सभी निवासी दलित समुदाय के हैं। इस गांव में साल 2004 में परमार्थ समाजसेवी संस्था की मदद से एक चेकडैम बनाया गया था।...
More »बासमती के गिरते भाव से सदमे में किसान, छोड़ सकते हैं खेती
-डाउन टू अर्थ, पानीपत जिले के हल्दाना गांव में रहने वाले नवाब सिंह अगले साल से बासमती नहीं उगाने का मन बना चुके हैं। बासमती की खेती में हर साल हो रहे घाटे को देखते हुए उन्होंने फैसला किया है कि आगे से वह मोटा चावल (साधारण चावल) उगाएंगे। नवाब सिंह ने इस साल 11 एकड़ में बासमती उगाया है। इसमें से 4 एकड़ खेत उनका खुद का है और शेष...
More »क्या किसानों को तबाह कर के पूरी की जाएगी भारतमाला परियोजना?
-जनपथ, इस पूंजीवादी मॉडल की बेतरतीब योजनाओं में भारत की बुनियाद का तिनका-तिनका धरा पर बिखरता जा रहा है। किसान नेमत का नहीं बल्कि सत्ता की नीयत का मारा है। भारतमाला परियोजना के तहत बन रही सड़कें किसानों में बगावत के सुर पैदा कर रही हैं। इस योजना के तहत छह लेन का एक हाइवे गुजरात के जामनगर से पंजाब के अमृतसर तक बन रहा है, फिर आगे हिमालयी राज्यों तक...
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