द थर्ड पोल, 17 अक्टूबर एक 26 साल की महिला, जानकी देवी का जीवन उनके पति की रोजमर्रा की दिहाड़ी से चलता है। उत्तर प्रदेश के पवित्र शहर वाराणसी में गंगा की सहायक नदी, अस्सी के किनारे वह एक छोटे से घर में रहती है। घर में गंदे पानी की दुर्गंध है। बाहर, अस्सी नदी बह रही है जो काफी स्याह दिख रही है। इन लोगों के शौचालय के लिए अस्सी के ऊंचे...
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केदारनाथ आपदा के दस साल बाद
मोंगाबे हिंदी, 23 जून केदारनाथ आपदा को 10 साल हो चुके हैं। यह आपदा उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में 11,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ में वर्ष 2013 के 16-17 जून को आई थी। सरकारी तौर पर मृतकों की संख्या भले ही साढ़े चार हजार के आस-पास हो, लेकिन अनौपचारिक तौर पर यह संख्या कहीं ज्यादा बताई गई। दुनिया में इतनी ऊंचाई पर किसी आपदा में इतनी संख्या में लोगों की...
More »सर्द रातों में सिंचाई की समस्या का समाधान बनती सौर बिजली
मोंगाबे हिंदी, 07 जनवरी राजस्थान के गंगानगर जिले में लुढ़कता पारा नए रिकॉर्ड बना रहा है। हालात ऐसे हैं कि लोग गर्म रजाई में भी ठिठुर रहे हैं। ऐसे वक्त में मोहनपुरा गांव के 50 वर्षीय किसान सतवीर सिंह को सर्दे रात अपने गेहूं के खेत में पानी देने के लिए जाना पड़ा। उनके मुताबिक इसकी वजह बिजली आपूर्ति है जो खेती के कामों के लिए अक्सर रात में आती है। सिंह...
More »चंद दिनों पहले पानी की कमी से जूझ रही गंगा में भीषण रेत कटान, बनारस में मंडरा रहा बाढ़ का खतरा
जनचौक, 31 जुलाई पहले से ही छिछली गंगा में बहाव बढ़ने से रामनगर की तरफ रेत का बड़े पैमाने पर कटान खतरे का अलार्म बजा रही है। बनारस में गंगा नदी में 2021 में 12 करोड़ रुपए की लागत से अस्सी से राजघाट के समानांतर बाईं तरफ नहर बनाई गई थी, जिसे स्थानीय लोगों ने मोदी नहर का नाम दिया था, जो निर्माण वर्ष में ही गंगा में बाढ़ आने से...
More »खबरदार
खास बात • गंगोत्री ग्लेशियर सालाना ३० मीटर की गति से सिकुड़ रहा है।* • अगर समुद्रतल की ऊंचाई एक मीटर बढ़ती है तो भारत में ७० लाख लोग विस्थापित होंगे।* • पिछले बीस सालों में ग्रीनहाऊस गैसों के उत्सर्जन में सर्वाधिक बढ़ोत्तरी जिवाश्म ईंधन के दहन से हुई है।* • मानवीय क्रियाकलापों के कारण ग्लोबल ग्रीन हाऊस गैस के उत्सर्जन में लगातार बढोत्तरी हो रही है। अगर औद्योगीकरण के पहले के समय से तुलना करें तो मानवीय क्रियाकलापों...
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