SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 20

लगातार घट रही है बीज उत्पादन में मदद करने वाले परागणकों की संख्या

-डाउन टू अर्थ, दुनिया भर में लगभग 3,50,000 पौधों की प्रजातियां हैं। सभी फूलों वाले पौधों में से आधे में बीज तैयार करने के लिए ज्यादातर परागणकों पर निर्भर करते हैं। अध्ययन के मुताबिक 82 फीसदी पौधों की प्रजातियां कीड़ों द्वारा परागित होती हैं, 6 फीसदी कशेरुकी द्वारा परागित होती हैं, जबकि हवा द्वारा केवल 12 फीसदी पौधों की प्रजातियां परागित होती हैं। इसलिए परागणकों में गिरावट के चलते जैव विविधता...

More »

टॉपर्स का कारखाना और कामयाबी के असल मायने- अभिजीत पाठक

बीते दिनों सीबीएसई के बारहवीं के नतीजे आए. इसमें कुछ आश्चर्यजनक नहीं है कि ‘सफलता' को पूजने वाले इस समाज में हर जगह ‘टॉपर्स' का गुणगान किया जाता है. जब टेलीविजन चैनल उनका इंटरव्यू करते हैं और अखबार उनकी- ‘कड़ी मेहनत', ‘एकाग्र अध्ययन', अभिभावकों की प्रेरक भूमिका- की कहानियां सुनाते हैं, तब हम सीखने के अनुभव और प्रदर्शन को आंकड़ों में बदलकर और मिथकीय बना देते हैं, जैसे- 499/500! हालांकि ‘असफलताओं'...

More »

परीक्षा के अंक नहीं हैं जिंदगी का पैमाना- आशुतोष चतुर्वेदी

हाल में बिहार, झारखंड, सीबीएसइ और आइसीएससी बोर्ड के नतीजे आये हैं. साथ ही कई बच्चों के आत्महत्या करने की दुखद खबरें भी आयीं. ऐसी खबरें इसी साल आयीं हों, ऐसा नहीं हैं. ये खबरें साल-दर-साल आ रही हैं. दुर्भाग्य यह है कि अब ऐसी खबरें हमें ज्यादा विचलित नहीं करती हैं. कुछ दिन चर्चा होकर बात खत्म हो जाती है. गंभीर होती जा रही इस समस्या का कोई...

More »

गणित में कमजोर हैं बिहार बोर्ड के छात्र, सात लाख फेल

पटना : जाेड़-घटाव सही से नहीं कर पाते हैं, फार्मूले पता नहीं, तो कैसे गणित में होंगे पास. मैट्रिक 2017 का रिजल्ट कुछ ऐसा ही बता रहा है. मैट्रिक परीक्षा रिजल्ट के ओवर ऑल की बात करें, तो गणित विषय में सबसे ज्यादा परीक्षार्थी फेल हुए हैं. अाधे के लगभग परीक्षार्थी गणित विषय में फेल हो गये हैं. गणित के अलावा सोशल स्टडी में पांच लाख पांच सौ परीक्षार्थी फेल...

More »

कमजोर जड़ों पर मजबूत नहीं होगी शिक्षा -- डा. रुक्मिणी बनर्जी

हर वर्ष असर की रिपोर्ट के माध्यम से हम देश में पहली से आठवीं कक्षा तक के बच्चों की बुनियादी दक्षताओं का आंकलन करते हैं. असर की रिपोर्ट को देखेंगे, तो उससे स्पष्ट है कि हमारी जड़ें ही कमजोर हैं. देखा गया है कि बच्चे आठवीं कक्षा तक पहुंच जाते हैं, लेकिन उन्हें बुनियादी ज्ञान नहीं होता. जाहिर है कि कमजोर नींव पर खड़ी गयी इमारत कमजोर होगी. हर साल...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close