डाउन टू अर्थ, 10 जनवरी खिरकार इस साल भारत के पास गरीबी का अपना आधिकारिक आंकड़ा उपलब्ध होगा। दरअसल, राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) वर्तमान में उपभोग व्यय नमूना सर्वेक्षण कर रहा है, जिसका उपयोग गरीबी के स्तर को मापने के लिए किया जाता है। सर्वेक्षण इस साल जुलाई तक जारी रहेगा और इसके प्रारंभिक परिणाम साल के अंत तक आने की संभावना है। दिल्ली में सत्ता के गलियारों में अधिकारियों के...
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जेंडर
खास बात साल 2001 की जनगणना के अनुसार भारत में कुल श्रमशक्ति की तादाद 40 करोड़ है जिसमें 68.37 फीसद पुरुष और 31.63 फीसद महिला कामगार हैं। @ तकरीबन 75.38% फीसद महिला श्रमशक्ति खेती में लगी है। @ एफएओ के आकलन के मुताबिक विश्वस्तर पर होने वाले कुल खाद्यान्न उत्पादन का 50 फीसद महिलायें उपजाती हैं। # साल 1991 की जनगणना के अनुसार 1981 से 1991 तक पुरुष खेतिहरों की संख्या में 11.67 फीसदी की बढोतरी...
More »गांव में अपराध: क्या सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं से फर्क पड़ता है?
-गांव सवेरा, ग्रामीण भारत में गरीबी के उन्मूलन और आर्थिक विकास हेतु अच्छी बुनियादी सुविधाओं तक पहुंच होना महत्वपूर्ण है। यह लेख, भारत मानव विकास सर्वेक्षण (आईएचडीएस) के 2004-05 और 2011-12 के आंकड़ों का विश्लेषण करते हुए दर्शाता है कि पक्की सड़कों से जुड़े गांवों के परिवारों में अपराध, श्रम बल की भागीदारी और पारिवारिक आय के सन्दर्भ में उन गांवों में रहने वालों की तुलना में बेहतर परिणाम पाए गए...
More »विश्व कपास दिवस: कपास से दुनिया भर में 10 करोड़ से अधिक परिवारों को होता है फायदा
-डाउन टू अर्थ, हम अधिकतर कपास से बनाए जाने वाले कपड़ों को पहनते हैं। यह आरामदायक, सांस लेने योग्य और टिकाऊ होते है। कपास सिर्फ एक वस्तु ही नहीं है उससे कहीं अधिक महत्वपूर्ण है। यह प्राकृतिक रूप से बनाया जाने वाला कपड़ा दुनिया भर में लोगों के जीवन बदलने वाला उत्पाद है। दुनिया भर में कपास को 286.7 लाख से अधिक किसान उगाते हैं। यह 5 महाद्वीपों के 75 देशों...
More »“दलित हर देश और समाज में हैं”
-आउटलुक, “भारतीय विद्वान डॉ. सूरज येंग्ड़े और उनके मेंटॉर अफ्रीकी-अमेरिकी दार्शनिक और बौद्धिक प्रो. कॉर्नेल वेस्ट एक लंबी दलित-अश्वेत एकजुटता की परंपरा से आते हैं। यहां दोनों ने भावी आजादी, इसके संभावित आकार, ढांचे और रंग पर अपने विचार व्यक्त किए हैं। आउटलुक के सुनील मेनन के साथ वीडियो चर्चा में बी.आर. आंबेडकर और डू बॉयस जैसे राजनीतिक विचारकों के संबंधों के परिप्रेक्ष्य में हमने उन्हें अश्वेत जीवन के महत्व (ब्लैक...
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