-गांव कनेक्शन, आम बजट की खूबियां गिनाते हुए वित्त मंत्री ने खेती में तकनीकी के इस्तेमाल पर जोर दिया। वित्त मंत्री ने कहा कि खेती-किसानी में ड्रोन का इस्तेमाल होगा। जिससे फसल मूल्यांकन, भूमि अभिलेख, कीटनाशकों का छिड़काव में मदद मिलेगी। फसल में कहां रोग लगा है, कहां कीट लगे हैं। फसल में किस पोषक तत्व की कमी है। ऐसे कई खेती के कामों को ड्रोन के जरिए आसानी से हो...
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कई अध्ययन लेकिन एक निष्कर्ष - कोरोना लॉकडाउन ने देशव्यापी स्तर पर गरीबों को सबसे अधिक प्रभावित किया
सूखे राशन के प्रावधान के माध्यम से प्रवासी और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने, सामुदायिक रसोई चलाने और 'वन नेशन वन राशन कार्ड' योजना के उचित कार्यान्वयन से संबंधित भारत के सर्वोच्च न्यायालय के हालिया फैसले (कृपया यहां और यहां क्लिक करें) हमारे लिए किसी भी तरह से आश्चर्यजनक नहीं है. ज्यां द्रेज और अनमोल सोमांची द्वारा कुछ अध्ययनों की हालिया समीक्षा, जो बहु-राज्य सर्वेक्षणों (या...
More »महाराष्ट्र: कोविड-19 की दूसरी लहर से गांवों में रहने वाले परिवारों की बदहाली
-न्यूजलॉन्ड्री, महाराष्ट्र के ग्रामीण इलाकों में कोविड-19 की दूसरी लहर ने ऐसा कहर बरपाया है कि बहुत से परिवार इससे घोर गरीबी के दुष्चक्र में फंस गए हैं. यह वो अनगिनत लोग हैं जिन्होंने अपने परिवार के उन सदस्यों को खोया जिनके ऊपर घर चलाने की सारी ज़िम्मेदारी थी. मुंबई में बैठे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उनकी महाअघाड़ी सरकार के बाकी हुक्मरानों के लिए शायद महाराष्ट्र का मतलब सिर्फ...
More »आशा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, डॉक्टर, नर्स या फिर पुलिसकर्मी, कोविड वैक्सीन सबसे पहले किसे लगना चाहिए?
-गांव कनेक्शन, कोविड-19 के संक्रमण से दुनियाभर में अब तक 17 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इस महामारी से विश्व भर में 78.7 मिलियन लोग संक्रमित हो चुके हैं। राहत भरी खबर अभी यह है कि सरकार ऐसा दावा कर रही है कि जनवरी 2021 में कोविड वैक्सीन लगनी शुरू हो जायेगी। ऐसे में सवाल यह उठता है कि सरकार को वैक्सीन लगाने के लिए सबसे पहले...
More »कुपोषण से जूझते राजस्थान में क्यों उम्मीद की किरण है सुपोषण वाटिका?
-गांव कनेक्शन, कुपोषण राजस्थान ही नहीं पूरे देश के लिए गंभीर समस्या है। इस मामले में राजस्थान असम और बिहार के बाद तीसरे नंबर पर है। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-4 के अनुसार प्रदेश में 38.4% बच्चों का वजन औसत से कम है। 23.4 फीसदी बच्चे शारीरिक रूप से कमजोर, 8.7% बच्चे अति कमजोर और 40.8 फीसदी बच्चे अविकसित हैं। 2011 जनगणना के अनुसार प्रदेश में एक करोड़ से ज्यादा बच्चे 0-6...
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