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भारत में खेती से बढ़ रहा है ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन, सरकार ने माना

डाउन टू अर्थ, 15 जनवरी भारत के ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कृषि दूसरा सबसे बड़ा योगदानकर्ता है। हालांकि 2016 से 2019 तक कुल उत्सर्जन में कृषि की हिस्सेदारी 14.4 प्रतिशत से घटकर 13.4 प्रतिशत हुई है, लेकिन फिर भी इस क्षेत्र से होने वाला पूर्ण उत्सर्जन 3.2 प्रतिशत बढ़ गया, जो 421 मीट्रिक टन कार्बन डाइऑक्साइड के समकक्ष (MtCO2e) तक पहुंच गया। कृषि के कारण कुल उत्सर्जन 4.5 प्रतिशत बढ़कर 2019 में...

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कॉप28: जीवाश्म ईंधन खत्म करने का प्रस्ताव, लेकिन नीयत पर संदेह

कार्बन कॉपी, 27 दिसम्बर  लंबी खींचतान के बाद आखिरकार दुबई वार्ता में एक नये क्लाइमेट प्रस्ताव पर सहमति हो गई लेकिन इसमें जीवाश्म ईंधन के प्रयोग को खत्म करने या भारी कटौती के लिए कड़े प्रावधानों का अभाव है। अमीर और विकसित देशों ने “ट्रांजिशन फ्यूल” के नाम तेल और गैस के प्रयोग का रास्ता खुला रखा है। इसमें मिटिगेशन (ग्रीन हाउस गैसों को कम करने के उपाय) के लिये कार्बन...

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सौर पैनलों से चौंध का खतरा, स्वच्छ ऊर्जा की ओर रुख करने वाले हवाई अड्डों के लिए सुरक्षा की चिंता

मोंगाबे हिंदी, 8 नवम्बर  मार्च की शुरूआत में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) ने घोषणा की थी कि वह 2024 तक अपने सभी हवाई अड्डों पर 100 फीसदी नवीकरणीय ऊर्जा का इस्तेमाल करने लगेगा। एएआई भारत का सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है जिसके पास हवाई अड्डों के रखरखाव और संचालन का जिम्मा है। यह जिन 137 हवाई अड्डों का प्रबंधन करता है, उनमें से पहले ही 38 हवाई अड्डों पर 40...

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ये चार शहर दिखाते हैं कि कम उत्सर्जन के साथ विकास कैसे किया जा सकता है

द थर्ड पोल, 28 फरवरी शहर ग्रीन हाउस उत्सर्जन के प्रमुख स्रोत हैं। दरअसल, विश्व स्तर पर ग्रीन हाउस गैसों के कुल उत्सर्जन में तकरीबन 60 फीसदी हिस्सेदारी शहरों की है। और जैसा कि हमें पता ही है कि हमारा वातावरण, इन्हीं ग्रीन हाउस गैसों के कारण गर्म हो रहा है। मौजूदा समय में, शहरी क्षेत्र, जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के प्रति बेहद संवेदनशील हो चुके हैं। एशिया में यह स्थिति...

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शून्य से नीचे तापमान में भी लद्दाख के किसान कर रहे गोभी, टमाटर और पालक जैसी कई सब्जियों की खेती

 गाँव कनेक्शन, 26 दिसंबर लद्दाख के खालसी गाँव के 50 साल के रिंचा अंगचुक पेशे से किसान हैं। उनके लिए सर्दियों के महीने हमेशा से संघर्षपूर्ण हुआ करते थे। कड़ाके की ठंड से बचने के अलावा, अपनी पत्नी और दो बेटियों को खिलाने के लिए पौष्टिक सब्जियां ढूंढना हमेशा से एक चुनौती रहा था। अंगचुक ने गाँव कनेक्शन को बताया, "सर्दियों के महीनों में टमाटर की कीमत 150 रुपये से 200...

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