शाम होने को है. आसमान में बादलों ने अपना घेरा डाल लिया है. तितलियां उड़-उड़कर यह बतला रही हैं कि जुगनू का पट ओढ़े आएगी रात अभी. धीमे-धीमे हवा अपना ताना बुन रही है. बटेर झाड़ियों में छिप रहे हैं. मध्य प्रदेश राज्य के रतलाम ज़िले की झालरा तहसील का मामनखेड़ा गांव. यहां से करीब चार किलोमीटर दूर जंगल मे भेड़-बकरियों का बड़ा रेवड़ बैठा है. करीब 2000 से ज्यादा भेड़-बकरियां...
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असीम सम्भावनाओं का पिटारा ‘घुमन्तू समाज’
अपने सम्पूर्ण जीवन को यायावरी और जुगलबन्दी से जीने वाला 10 फीसदी घुमन्तू समाज आज विडम्बना की स्थिति में हैं। जहाँ एक तरफ उसको अपनी मूल पहचान खोने की चिंता है तो दूसरी ओर आजीविका की मजबूरी ने उसे घेर रखा है। ऊपर से सरकारों के नित- नये नियम कानूनों ने उसका मजाक बना दिया है। घुमन्तू लोग कौन हैं ? यह लोग तो समाज को चलाने वाले ऊंचे दर्जे के लोग...
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