-इंडिया टूडे, गरमी के आते ही बिहार के मुजफ्फरपुर और आसपास के जिलों में जापानी बुखार अपनी दस्तक देना शुरू कर देगा. मगर इस बीच एक वेबसाइट की खबर ने खलबली मचा दी है. खबर के मुताबिक, मुजफ्फरपुर जिले के सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में सौ फीसद टीकाकरण का दावा गलत है. मुजफ्फरपुर के जिला प्रतिरक्षा पदाधिकारी डॉ आरपी सिंह ने जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने इस बात...
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चमकी बुखार मामले पर SC सख्त, केंद्र, बिहार व यूपी सरकार को नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने चमकी बुखार से मुजफ्फरपुर में हुई 150 से ज्यादा बच्चों की मौत के मामले में सोमवार को केन्द्र, बिहार और उत्तर प्रदेश सरकार को सात दिनों के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। न्यायामूर्ति संजीव खन्ना और न्यायामूर्ति बीआर गवई की पीठ ने बिहार सरकार को चिकित्सा सुविधाओं, पोषण एवं स्वच्छता और राज्य में स्वच्छता की स्थिति की पर्याप्तता पर एक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश...
More »क्यों 25 साल बाद भी हमें नहीं पता कि बच्चों को चमकी बुखार से कैसे बचाया जाए?-- सचिन जैन
भारत में बच्चे एक संख्या भर बन कर रह गए हैं. वर्तमान विकास की चर्चाओं में हम बस शिशु मृत्यु दर, बाल मृत्यु दर, कुपोषण का प्रतिशत, बच्चों के साथ लैंगिक शोषण के आंकड़े और मृत बच्चों की संख्या की गणना करते रहते हैं. पिछले महीने भर से बिहार के मुजफ्फरपुर के बहाने भी यही हुआ है. इस क्षेत्र में एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) या चमकी बुखार के कारण तकरीबन 150...
More »गरीब की मौत पर तमाशा-- शशिशेखर
राजनीतिज्ञों का एक बड़ा वर्ग यह कहकर मूंछें ऐंठता आया है कि 2005 से 2015 के बीच भारत ने 27 करोड़ लोगों को गरीबी के अभिशाप से मुक्त किया और देश में गरीबी 50 फीसदी से घटकर 28 प्रतिशत तक आ गई। अगर यह सच है, तो फिर कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक साल-दर-साल इतनी बड़ी संख्या में अकाल मौत के शिकार होने वाले लोग कौन हैं? आपको जानकर आश्चर्य...
More »गरीबी का वायरस और चमकी बुखार- विनोद बंधु
बिहार के तिरहुत प्रमंडल में पांच साल बाद एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) यानी चमकी बुखार का प्रेत फिर से जाग उठा है। बीते एक पखवाडे़ में इससे सवा सौ से अधिक बच्चों की सांसें थम चुकी हैं। करीब चार सौ बच्चे अस्पतालों में भर्ती कराए गए। मरीजों का आना अब भी जारी है। हर रोज बच्चों की जान जा रही है। इस इलाके के बच्चों और उनके अभिभावकों की आस...
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