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हर रोज 154 किसान और दिहाड़ी मजदूरों ने की आत्महत्या: NCRB रिपोर्ट

गाँव सवेरा, 4 दिसम्बर  एनसीआरबी यानी राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की 2022 की सालाना रिपोर्ट के अनुसार भारत में हर रोज लगभग 154 किसान और दिहाड़ी मजदूरों ने पारिवारिक समस्याओं और बीमारी के कारण आत्महत्या की है. वहीं 2021 में किसान और दिहाड़ी मजदूरों के हर रोज आत्महत्या करने की संख्या 144 थी. रिपोर्ट के अनुसार किसानों की आत्महत्या के सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र में दर्ज किए गए, इसके बाद कर्नाटक,...

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अपमान, तिरस्‍कार, डर… सुनहरे सपनों के बीच खत्‍म होती जिंदग‍ियां

इंडियास्पेंड, 01 मार्च "मुंबई में सैलून की दुकान पर काम कर किसी तरह बेटे राजा को पढ़ा रहा था। वह पढ़ने में अच्छा था तो सोचा था कि हमारी गरीबी खत्म करेगा। लेकिन ऊपर वाले को तो कुछ और ही मंजूर था। मुझे अब भी विश्वास नहीं होता कि मेरा बेटा आत्महत्या कर सकता है। उसे ऐसा नहीं करना चाहिए था।" शाहजहांपुर जिले के कांट पश्‍च‍िमी पट्टी के रहने वाले 48 वर्षीय...

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2019-21 के बीच आत्महत्या करने वालों में दैनिक वेतन भोगियों और गृहिणियों की संख्या सर्वाधिक

द वायर, 15 फरवरी श्रम और रोजगार मंत्रालय ने सोमवार (14 फरवरी) को एक सवाल के जवाब में लोकसभा को बताया कि 2019 और 2021 के बीच देश भर में आत्महत्या से मरने वाले लोगों की सबसे बड़ी श्रेणी दैनिक वेतन भोगी (दिहाड़ी) लोगों की है. आत्महत्या के मामले में दूसरी सबसे बड़ी श्रेणी गृहिणियों की है. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के डेटा के मुताबिक, स्व-नियोजित व्यक्तियों, बेरोजगारों और छात्रों की...

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जेंडर

खास बात   साल 2001 की जनगणना के अनुसार भारत में कुल श्रमशक्ति की तादाद 40 करोड़ है जिसमें 68.37 फीसद पुरुष और 31.63 फीसद महिला कामगार हैं। @ तकरीबन 75.38%  फीसद महिला श्रमशक्ति खेती में लगी है। @ एफएओ के आकलन के मुताबिक विश्वस्तर पर होने वाले कुल खाद्यान्न उत्पादन का 50 फीसद महिलायें उपजाती हैं। # साल 1991 की जनगणना के अनुसार 1981 से 1991 तक पुरुष खेतिहरों की संख्या में 11.67 फीसदी की बढोतरी...

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उत्तर प्रदेश: योगी सरकार से नौकरियां मांगते युवा चुनावी तस्वीर में कहां हैं

-द वायर, उत्तर प्रदेश में चुनावी राजनीति के बीच युवा बेरोजगारी को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. इस महीने की शुरुआत में इलाहाबाद में युवाओं ने बेरोजगारी के खिलाफ सड़कों पर ताली-थाली के साथ ऐसी ही एक आवाज़ उठाई थी. 4 जनवरी की रात अचानक शहर के सलोरी क्षेत्र में हजारों युवाओं का हुजूम निकल पड़ा. मुद्दा था रोजगार और नौकरियां. प्रदर्शनकारी युवाओं का मानना है कि सरकार शायद गहरी नींद में...

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