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पक्षियों को भा रहे छोटे शहर, जलपक्षियों पर अपने तरह के पहले रिसर्च से सामने आई रोचक जानकारियां

 मोंगाबे हिंदी, 16 अप्रैल  झीलों के शहर उदयपुर में जलपक्षी आराम करने और घोंसला बनाने के लिए अलग-अलग जगहों का इस्तेमाल करते हैं। हालांकि, वे एक जैसे संकेतों (जैसे आसपास दलदली जगह) से इस काम को पूरा करते हैं। उदाहरण के लिए, वे इन कामों के लिए अलग-अलग पेड़ों को चुनते हैं, लेकिन ये पेड़ दलदली भूमि के आसपास होते हैं। हाल ही में आई एक स्टडी में ऐसी ही कुछ रोचक...

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ग्रामीण भारत में बढ़ता प्लास्टिक ज्यादा बड़ी चुनौती

डाउन टू अर्थ, 29 नवम्बर  कलड़वास राजस्थान के उन कुछ गांवों में से एक है, जहां घर-घर जाकर सभी 710 घरों से कूड़ा इकट्ठा किया जाता है। इस कार्य के लिए ग्राम पंचायत ने 8,000 रुपए प्रति माह के वेतन पर दो पूर्णकालिक कूड़ा उठाने वाले लोगों को नियुक्त किया है। पंचायत ने हाल ही में जिला प्रशासन के सामने कूड़े को रिसाइकल करने वाली मशीनों को लगाने के लिए एक वित्तीय...

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जम्मू-कश्मीर के जलाशयों में माइक्रोप्लास्टिक, इंसान और पर्यावरण के लिए बड़ा खतरा

मोंगाबे हिंदी, 08 सितम्बर  जम्मू और कश्मीर में किया गया एक नया अध्ययन प्लास्टिक प्रदूषण की गंभीरता की तरफ इशारा करता है। अध्ययन में स्थानीय तौर पर व्येथ के नाम से जानी जाने वाली झेलम नदी में प्लास्टिक के बेहद सूक्ष्म कणों की मौजूदगी की पुष्टि हुई है। अध्ययन बताता है कि झेलम नदी के किनारे नगरपालिका के ठोस कचरे (एमएसडब्ल्यू) के निपटान की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होना माइक्रोप्लास्टिक का एक...

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बांधों के निर्माण में तेजी के बावजूद जलाशयों में मौजूद पानी में आई है कमी, जानिए कौन है जिम्मेवार

डाउन टू अर्थ, 14 जून  भले ही पिछले 20 वर्षों में नए बांधों के निर्माण के चलते वैश्विक स्तर पर जलाशयों की कुल भंडारण क्षमता में इजाफा हो रहा है, लेकिन इसके बावजूद जलाशयों में मौजूद पानी की मात्रा घट रही है। इसका मतलब है कि जल संसाधनों पर बढ़ते दबाव को दूर करने के लिए केवल ज्यादा से ज्यादा बांधों का निर्माण ही काफी नहीं है। यह जानकारी टेक्सास ए एंड...

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और तेज करने करने होंगे पानी को बचाने के प्रयास

डाउन टू अर्थ , 28 अप्रैल भारत में लगभग 24 लाख जल स्रोत हैं। यह निष्कर्ष देश के पहले जल निकाय गणना (वाटर बॉडी सेंसस) में सामने आया है। इन जल स्रोतों में बारिश और भूजल-पुनर्भरण किए जाने वाले जल स्रोत दोनों ही शामिल हैं। केन्द्रीय जलशक्ति (जल संसाधन) मंत्रालय के द्वारा की गई इस गणना ने सभी जल स्रोतों की जियो-टैगिंग करते हुए छाया चित्रों और अक्षांश और देशांतर के आधार...

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