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भारत की शिक्षा व्यवस्था पर 'असर' ने क्या असर डाला ?

औपचारिक शिक्षा के महत्त्व को देखते हुए अधिकांश अभिभावक-गण अपने बच्चों को स्कूल भेजना चाहते हैं। बच्चों के लिए स्कूल ढूँढते हैं, बस्ता खरीदते हैं, पेन- पेन्सिल, कॉपी-किताब खरीदते हैं, स्कूल की पोशाक खरीदते हैं। तमाम सरकारों की भी यही कोशिश रही कि बच्चे स्कूल जाएँ। सरकारों ने विद्यालयों का निर्माण करवाया, शिक्षकों की नियुक्ति की और ज़रूरी सुविधाएँ उपलब्ध करवाई। पिछले कई दशकों में ऐसे कई कदम उठाए गए...

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रासायनिक या प्राकृतिक? फैशन उद्योग के रंगरेज की उलझन

मोंगाबे हिंदी, 15 जनवरी हाल के कुछ सालों में फैशन इंडस्ट्री प्राकृतिक संसाधनों के अत्यधिक इस्तेमाल और सिंथेटिक रंगाई प्रक्रिया से निकलने वाले जहरीले कचरे की वजह से जांच के दायरे में आ गई है। इससे निकलने वाला अपशिष्ट जल नदी, तालाबों और नहरों के पानी को दूषित कर रहा है। दुनियाभर में कपड़ा रंगाई का काम जल प्रदूषण का दूसरा सबसे बड़ा कारण है। शायद यही वजह है कि दक्षिण...

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मोदी सरकार ने डीएनए प्रौद्योगिकी विधेयक-2019 को वापस लिया

सरकार ने डीएनए प्रौद्योगिकी (उपयोग और अनुप्रयोग) विनियमन विधेयक, 2019 वापस ले लिया है। इस विधेयक के लागू करने के बाद, किसी भी व्यक्ति का, जो किसी अपराध के घटनास्थल पर सायास या अनायास उपस्थित रहा है, का डीएनए सैंपल लेने की शक्ति पुलिस को मिल सकती थी। इसके संभावित खतरे भी थे, क्योंकि इन सैंपल के आधार पर एक डीएनए डेटा बैंक भी बनाए जाने का प्राविधान भी इस...

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चिकित्सा प्रक्रियाओं से छिप जाती है हीटवेव में मरने वालों की सही संख्या

द थर्ड पोल, 10 जुलाई इस साल 15 से 22 जून के बीच, उत्तर प्रदेश के बलिया और देवरिया ज़िलों के दो अस्पतालों में 150 से अधिक लोगों की मौत हो गई। इस अवधि में, बलिया में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच गया था और ह्यूमिडिटी 30-50 फीसदी थी। हीटवेव का असर साफ़ नज़र आ रहा था। नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन के हीट इंडेक्स कैलकुलेटर के अनुसार, इन हालात...

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जेंडर

खास बात   साल 2001 की जनगणना के अनुसार भारत में कुल श्रमशक्ति की तादाद 40 करोड़ है जिसमें 68.37 फीसद पुरुष और 31.63 फीसद महिला कामगार हैं। @ तकरीबन 75.38%  फीसद महिला श्रमशक्ति खेती में लगी है। @ एफएओ के आकलन के मुताबिक विश्वस्तर पर होने वाले कुल खाद्यान्न उत्पादन का 50 फीसद महिलायें उपजाती हैं। # साल 1991 की जनगणना के अनुसार 1981 से 1991 तक पुरुष खेतिहरों की संख्या में 11.67 फीसदी की बढोतरी...

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